क्या पटना में विपक्ष का महाजुटान होगा कारगर, BJP के खिलाफ पैदा कर पाएगा लहर?

ताज़ा खबर राजनीति राष्ट्रीय
SHARE

Opposition Meeting in Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 जून, यानि शुक्रवार को एक भव्य मेजबानी करने जा रहे हैं. पटना में आयोजित विपक्ष की अहम बैठक में 20 से अधिक विपक्षी दलों के शामिल होने की संभावना है. बैठक का लक्ष्य अगले साल होने वाले आम चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को कैसे हराना है, इस पर चर्चा करना है. 

अगले आम चुनाव की रणनीति बनाने के लिए 23 जून को पटना में विपक्षी पार्टियों की मीटिंग के लिए जारी तैयारियों के बीच खींचतान के भी संकेत मिल रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि वो क्षेत्रीय क्षत्रप जो अपने अपने राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहते हैं क्या वे अपने हितों से समझौता कर पाएंगे? दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस एक दूसरे के विरुद्ध चुनाव लड़ते रहे हैं वहीं पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, वामदल तथा कांग्रेस एक दूसरे के विरुद्ध चुनावी मैदान में उतरते हैं. दक्षिण के राज्यों में भी कांग्रेस का मुकाबला वहां के क्षेत्रीय दलों से होता रहता है. अभी इन सवालों का जबाब भविष्य के गर्त में छुपा हुआ है लेकिन बीजेपी लगातार ऐसे सवाल उठा रही है.

गैर बीजेपी दलों की होने वाली इस बैठक को लेकर सभी आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि 23 की बैठक में सीएम नीतीश कुमार कार्यवाही शुरू करेंगे, जबकि राहुल गांधी समापन करेंगे. सूत्रों ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. बैठक का स्थान पटना में 1 अणे मार्ग स्थित बिहार के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के अंदर नेक संवाद कक्ष होगा. बैठक सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक होगी.

मीटिंग में हिस्सा लेने वालों की सूची में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) मुखिया उद्धव ठाकरे, दिल्ली के सीएम और आप नेता अरविंद केजरीवाल और सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत अन्य नेता हैं.

बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और स्टालिन 22 जून को ही पटना पहुंच रहे हैं जबकि बाकी नेता 23 जून को पहुंचेंगे और बैठक के बाद उसी दिन वापस रवाना हो जाएंगे.

जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि इस मीटिंग में बसपा, बीजू जनता दल और वाइएसआर कांग्रेस को निमंत्रण नहीं दिया गया है.

इस बैठक में आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) एक दिन पहले यानी 22 जून को पटना पहुंच जाएंगे. आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की रणनीति पटना बैठक (Patna Meet) में केंद्र के अध्यादेश को टॉप एजेंडा में शामिल कराने की होगी. आप प्रमुख अध्यादेश को कानून बनने से रोकने के लिए सभी दलों को राजी करने पर जोर देंगे.

इस बीच आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक चिट्ठी लिख कर कहा है कि मीटिंग में सबसे पहले केंद्र द्वारा दिल्ली को लेकर लाये गए अध्यादेश पर बात हो. दिल्ली सीएम सभी विपक्षी दलों को इस बाबत एक लेटर बुधवार को लिख चुके हैं. उनकी ये चिट्ठी भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है.

चिट्ठी के जरिए उन्होंने साफ कर दिया है कि पटना बैठक में सबसे पहले दिल्ली अध्यादेश पर ही चर्चा करें. उन्होंने कहा है यह अध्यादेश केवल दिल्ली के लिए नहीं है. दिल्ली तो पहला प्रयोग है. अगर इसमें मोदी सरकार को सफलता मिली तो, फिर गैर बीजेपी शासित राज्यों में भी अध्यादेश की आड़ में समवर्ती सूची के विषयों को लेकर केंद्र सरकार अध्यादेश लागू कर उसे अपने नियंत्रण में लेने का काम करेगी. 

2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर आयोजित होने वाली इस बैठक में सबकी नजर कांग्रेस पर भी रहेगी, जिसके हौंसले कर्नाटक चुनाव के बाद बुलंद हैं.