यूएन से जुड़े बयान पर राकेश टिकैत ने दी सफाई, बीजेपी किसान मोर्चा ने किया तंज

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सेंट्रल डेस्क। भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत के संयुक्त राष्ट्र से जुड़े बयान पर भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने तंज कसा है। चाहर ने कहा- क्या टिकैत ने भारत को बदनाम करने के लिए कोई ठेका लिया है? उन्होंने शनिवार को किसान नेता पर देश को बदनाम करने का आरोप लगाया और उन्हें अपने शब्दों को ध्यान से चुनने की चेतावनी दी। 

चाहर ने कहा- “क्या टिकैत ने भारत को बदनाम करने के लिए कोई ठेका लिया है? उन्हें अपने शब्दों के इस्तेमाल पर नियंत्रण रखना चाहिए और इनके बारे में सोचना चाहिए। फिर बाद में वह सफाई देंगे। जब से तथाकथित किसान आंदोलन शुरू हुआ है, टिकैत हर बयान देने के बाद सफाई देते हैं। वह कब तक ऐसा करेंगे?”

बता दें कि तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन के लगभग 7 माह पूरे होने को हैं। इस दौरान कई तरह की बातें हुईं, कई दौर की वार्ताएं भी हुईं लेकिन गतिरोध अब भी जारी है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने बयान पर सफाई दी है। दरअसल, कृषि कानूनों को लेकर यूएन जाने से संबंधित एक बयान को लेकर टिकैत घिरते दिख रहे थे।

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किसान नेता राकेश टिकैत ने सफाई देते हुए कहा, “मैंने ये नहीं कहा था कि कृषि क़ानूनों को लेकर UN (संयुक्त राष्ट्र) जाएंगे। हमने कहा था कि 26 जनवरी के घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए। अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम UN में जाएं?”

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं। 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा। 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा। 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे।”

वैसे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के ताजा बयान से जाहिर है कि जारी गतिरोध जल्‍द खत्‍म होने वाला नहीं है। दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से वार्ता की पेशकश करने के सवाल पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री फिर से बातचीत के लिए शर्तें लगा रहे हैं। मंत्री शर्तों के साथ किसानों को बातचीत के लिए बुला रहे हैं। जब सरकार पहले ही कह रही है कि नए कृषि कानून ख़त्म नहीं होंगे, उनमें बदलाव होगा। ऐसे में यदि सरकार को बात करनी है तो बात करे लेकिन शर्त के साथ किसानों के साथ बात ना करे। सरकार के लोग जैसा कहेंगे किसान उस पर चले ऐसा नहीं है। 

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