छपरा। गंडक नदी के जलस्तर में पिछले तीन दिनों से हो रही कमी के कारण लोग अभी चैन की सांस ले भी नही पाये थे कि एक बार फिर नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. नेपाल द्वारा गुरुवार को वाल्मीकिनगर बराज से 2 लाख 90 हजार क्युसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी का जलस्तर शुक्रवार को फिर बढ़ने लगा जिससे सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे लोगो पर तीसरी बार बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
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मालूम हो कि गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर,सलेमपुर,सोनवर्षा,बसहिया,उभसारंगपुर ,रामपुररुद्र 161 गांव के सैकड़ो परिवार एक माह के अंदर दो दो बार विस्थापन की जिंदगी गुजार चुके हैं .जलस्तर में कमी के बाद वे अपने घरों को लौट साफ सफाई में जुटे ही थे कि एक बार फिर गंडक के बढ़ते जलस्तर ने उनकी पेशानी पर बल ला दिया है.
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गंडक नदी के जलस्तर में बार-बार हो रहे उतार-चढ़ाव ने तटबंध के निचले इलाकों में बसे लोगो का जीवन नारकीय बना दिया है. संभावित बाढ़ की आशंका से सहमे ग्रामीण एक बार फिर अपने साजोसामान एवं मवेशियों के साथ विस्थापन की तैयारी में हैं.
बारिश ने बढ़ायी बाढ़पीड़ितों की परेशानी
प्रखंड में आयी बाढ़ का पानी लोगो के घरो से पूरी तरह निकल भी नही पाया था कि एक बार फिर बाढ़ की आशंका ने जन्म ले लिया है. इस बीच गुरुवार की रात से प्रखंड क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश ने भी बाढ़ का दंश झेल रहे लोगो का जीवन अस्तव्यस्त कर दिया है. बारिश के कारण मवेशियों के रहने एवं खाने की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
इस बीच बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर फिर बढ़ना शुरू हो गया है लेकिन लोगो को घबराने की जरूरत नही है.