सेंट्रल डेस्क। 7 जुलाई को होनेवाली मोदी गवर्नमेंट 2.0 का संभावित पहले विस्तार की तिथि एक दिन के लिए बढा दी गई है। अब यह विस्तार 7 की जगह 8 जुलाई को हो सकता है। हालांकि आधिकारिक रूप से इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि संभावित विस्तार की तिथि क्यों बधाई गई है लेकिन सूत्र बताते हैं कि सहयोगी दलों के साथ मंत्री पद कोटे की बातचीत फाइनल न हो पाने के कारण ऐसा किया गया है। सूत्र यह भी बताते हैं कि सहयोगी जेडीयू की ओर से कम से कम तीन मंत्री पद की मांग की जा रही है, जबकि अभी तक जेडीयू को एक मंत्री पद दिए जाने की चर्चा है।
सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है कि मोदी मंत्रिमंडल में एक मंत्रालय पर नीतीश कुमार कतई नहीं मान रहे हैं। नीतीश कुमार चाहते हैं कि उनकी पार्टी को कम से कम तीन मंत्रालय मिले। हालांकि, यह साफ नहीं हो पाया है कि मोदी मंत्रिमंडल में कितनी सीटें जेडीयू को मिलेगी।
इसके साथ ही गठबंधन सहयोगियों के साथ बातचीत पूरी न होने के कारण मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा देर शाम दिल्ली लौट आएंगे। वह फिलहाल हिमाचल प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर गए हुए थे।
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कहा जा रहा है कि जेडीयू की ओर से आरसीपी सिंह दिल्ली पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि आज शाम कई नेताओं को मंत्री पद की शपथ लेने के लिए फोन कर दिल्ली बुलाया जा सकता है।
रविशंकर प्रसाद,पीयूष गोयल सहित कई मंत्रियों के कम हो सकते विभाग
संभावित फेरबदल में कई मंत्रियों का बोझ कम किया जा सकता है। इन मंत्रियों में नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, डॉ. हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी से अतिरिक्त मंत्रालय का बोझ लिया जा सकता है। अभी कुल 53 मंत्री ही विभागों का कामकाज संभाल रहे हैं, लिहाजा कई मंत्रियों के जिम्मे एक से अधिक विभाग हैं।
फिलहाल मोदी कैबिनेट में हैं 53 मंत्री
शिवसेना और अकाली दल के एनडीए से अलग होने और रामविलास पासवान और कई अन्य के निधन के बाद कई मंत्रियों के पद खाली हैं। अभी मोदी कैबिनेट में कुल 53 मंत्री ही हैं, जबकि संविधान के अनुसार मंत्रियों की संख्या अधिक से अधिक 79 हो सकती है।
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क्षेत्रीय दलों जेडीयू,एआईएडीएमके और अपना दल को मिल सकता मौका
मंत्रिमंडल विस्तार में जेडीयू के अलावा एआईएडीएमके और अपना दल के नेताओं को भी मौका दिया जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में पशुपति पारस को भी स्थान दिया जा सकता है। पशुपति पारस एलजेपी के सांसद हैं लेकिन पांच सांसदों को तोड़कर इन्होंने अलग गुट बना लिया है।