छपरा। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप जिलेभर में दिखा था। महीने भर तक अस्पताल से लेकर गांवों तक महामारी की दहशत बनी रही थी। टीकाकरण अभियान भी चल रहा था, लेकिन टीका लगवाने से लोग कतरा रहे थे। पर, जिन लोगों ने टीका लगवा लिया था। उनके लिए यह संजीवनी साबित हुआ है। कारण टीका लगवाने के बाद भी कोरोना संक्रमण की चपेट आने पर इन्हें ज्यादा समस्या नहीं हुई। संक्रमित होने के बाद भी ये लोग होम आइसोलेट और नियमित दवाओं के सेवन से ही स्वस्थ हो गए। इन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी। इनमें तमाम चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल रहे।
होम आइसोलेशन में रहकर दी कोरोना को मात:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार कोविशील्ड वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बावजूद कोरोना से संक्रमित हो गये। कोरोना काल में उनकी ड्यूटी आइसोलेशन सेंटर में लगायी गयी थी। ड्यूटी के दौरान उनकी तबियत खराब हो गयी। उन्होने जांच कराया तो कोविड पॉजिटीव रिपोर्ट आया। उसके बाद उन्होने खुद को होम आइसोलेट कर लिया।
डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि इस दौरान उन्हें ज्यादा समस्या नहीं हुई क्योंकि वह वैक्सीन ले चुके थे।होम आइसोलेशन में काढ़ा, गर्म पानी, हल्दी वाला दूध, एलोपैथिक दवाओं के सेवन व वैक्सीनेट होने के चलते 11 दिन होम आइसोलेशन में रहने के बाद उन्होने कोरोना जैसें गंभीर बिमारी को हरा दिया। आज पूरी तरह से स्वस्थ होकर फिर वह अपने कर्तव्यों का निवर्हन पूरी ईमानदारी के साथ कर रहें है।
दोनो डोज लेने के बाद हुआ संक्रमित, अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आयी:
छपरा एसीएमओ कार्यालय के लिपिक उपेंद्र कुमार सिंह आइसोलेशन सेंटर में अपने कर्तव्यों का निवर्हन कर रहे थे। ड्यूटी के दौरान ही वह कोरोना संक्रमण के चपेट में आ गये। उन्हें काफी कमजोरी महसूस हो रही थी. चलने पर दम फूल रहा था। लेकिन वैक्सीन लेने का इतना फायदा हुआ कि अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आयी। उपेंद्र सिंह का कहना है कि अगर वैक्सीन नहीं लिये होते तो पता नहीं क्या होता। लेकिन अपनी सुरक्षा को देखते हुए उन्होंने दोनों डोज ली थी। जिसका परिणाम है कि वह कोरोना संक्रमण को हराने में सफल रहे।
टीका लगवाने से ही मिटेगी महामारी:
‘‘वैक्सीन लगवाने से गांवों में अब भी लोग कतराते हैं। जबकि इस महामारी से यही वैक्सीन से बचाएगी। मैँ खुद ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित हुआ। कोरोना काल में दवा भंडार रूम में मेरा ड्यूटी था तभी मैं संक्रमित हुआ। लेकिन 13 दिन होम आईसोलेशन में रहकर मैने संक्रमण को मात दे दिया। इसका कारण है सिर्फ टीकाकरण। मैंने कोविशिल्ड वैक्सीन का दोनों डोज ले लिया था। वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमित हु नहीं पड़ने की जानकारी ने भ्रांतियों को दूर किया। इसके बाद टीका लगवा लिया । वैक्सीन लगवाने के बाद मन में सुरक्षा का एहसास बना हुआ है’’।
कन्हैया राय, फर्मासिष्ट, सदर अस्पताल छपरा
वैक्सीन सबसे के लिए जरूरी है:
‘‘कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप सभी देख चुके हैं। ऐसे में सबको अब जाग जाना चाहिए। सभी के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है। इसी सुरक्षा कवच से संक्रमण होने के बाद भी खुद को बचाया जा सकता है। दोनों डोज लेने के बाद मैं खुद संक्रमित हो गया था। मेरी ड्यूटी जिला प्रतिरक्षण कार्यालय में है। वहां वैक्सीन वितरण करने के दौरान मैँ संक्रमित हो गया। थोड़ा कमजोरी महसूस हुआ। लेकिन इतना समस्या नहीं हुई की अस्पताल में भर्ती होना पड़े। होम आइसोलेशन में रहकर मैँ कोरोना को हराकर अपने काम पर फिर से लौट आया हूँ’’।
अंशुमान पांडेय, कोल्ड चैन मैनेजर, यूएनडीपी, छपरा