Bihar: जीजा-साला अंगूठे का क्लोन तैयार कर उड़ा लेते थे पैसे, जमीन के कागजात से लेते थे निशान

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पटना। बिहार के नवादा जिला में एक ऐसे साइबर क्राइम गैंग का पर्दाफाश हुआ है जो जमीन का फर्जी कागजात और फिंगरप्रिंट बना कर बड़े पैमाने पर ठगी को अंजाम दिया करता था। जिले के नारदीगंज थाना क्षेत्र इलाके से साइबर थाने की पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है जो बिलकुल ही नए तरीके से फिंगरप्रिंट का क्लोन कर आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) के जरिए विभिन्न बैंक ऐप से  पैसे की निकासी कर फ्रॉड करते थे। गिरोह के दो अपराधियों को पुलिस ने दबोच कर मामले का उद्भेदन किया है। खास बात यह है कि दोनों ठगी के पैसे से नर्सिंग होम और एक एनजीओ का संचालन किया करते थे।

बताया जा रहा है कि ये लोग अबतक जमीन के सैकड़ों कागजात के साथ फर्जी फिंगरप्रिंट बना चुके हैं। अवैध रूप से ठगी करने वाले इन दोनों साइबर अपराधी को नवादा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि नारदीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत 2 साइबर अपराधी जमीन के सैकड़ों कागज़ात एवं लोन देने के बहाने लोगों का फर्जी तरीके से फिंगरप्रिंट एवं आधार कार्ड लेकर पैसा ठगी किया करते थे।

नवादा साइबर थाने में साइबर थानाध्यक्ष डीएसपी प्रिया ज्योति ने जानकारी देते हुए बताया कि साबर थाने में एक कांड 29/23 दर्ज किया गया जिसमें कंप्लेनेंट के द्वारा यह बताया गया कि उनके अकाउंट से 57000 की निकासी कर ली गई है। इसके बाद एक एसआईटी का गठन किया गया जिसमें टीम ने बड़े ही कम समय में दोनों अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

ये था ठगी का अनूठा तरीका

इनके द्वारा लैंड रिसिप्ट म्यूटेशन और पैन कार्ड बनाने के नाम पर अंगूठे का निशान, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि कागजात लिए जाते थे। साइबर  फ्रॉड इसी का उपयोग करते हुए क्लोन तैयार कर पैसे की निकासी करते थे। वे इन डॉक्यूमेंट से प्राप्त अंगूठे का क्लोन बेहद ही चालाकी से बनाते थे। उन्हें रजिस्ट्री ऑफिस और ब्लॉक के मुंशी के द्वारा जमीन के कागजात दिए जाते थे, जिस पर अंगूठा का निशान, आधार नंबर, मोबाइल नंबर इत्यादि रहता था। अंगूठे के निशान को स्कैन करके फोटो शॉप में उसको सही से बनाया जाता था। फिर प्लास्टिक पेपर पर उसको प्रिंट करते थे। फिंगरप्रिंट के चारों ओर एक टेप चिपकाकर बीच में फेविकोल डालकर बल्ब की रोशनी में 10 से 12 घंटे सुखाने के बाद उस फिंगरप्रिंट को अंगूठे की तरह इस्तेमाल करके एईपीएस के द्वारा वह विभिन्न बैंक ऐप से अवैध तरीके से रुपए की निकासी करते थे।

ये सामान हुए बरामद

पुलिस ने छापेमारी के दौरान इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, प्रिंटर, फिंगरप्रिंट स्कैनर, एटीएम कार्ड, पासबुक, चेक बुक, पैन कार्ड, आधार कार्ड, प्लास्टिक पेपर, कार्ड रीडर, पेन ड्राइव, स्टाम्प पैड, यूएई का 10 दिरहम का नोट, पांच रुपये का नेपाली नोट एवं अन्य कागजात बरामद किए हैं. रजिस्ट्री ऑफिस से इन्होंने कुल 314 जमीन के कागजात हासिल किए हैं। दोनों गिरफ्तार अभियुक्त आपस में जीजा साला है। अजय कुमार साला है जबकि रामप्रवेश कुमार जीजा है। दोनों कई दिनों से यह काम को कर रहे थे।

ठगी के पैसे से चलाते थे नर्सिंग होम और एनजीओ

ठगी के पैसे से इनके द्वारा नारदीगंज स्थित एक नर्सिंग होम और एक NGO चलाया जा रहा था। पुलिस उपाधीक्षक साइबर के नेतृत्व में एक टीम गठित कर इस मामले का खुलासा किया गया। इस कांड में प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न सामग्रियों के साथ 2 अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। पुलिस द्वारा इस मामले में अग्रतर कार्रवाई की जा रही है।

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