पत्नी को भरण पोषण के 55 हजार देने थे, 7 बोरों में सिक्के भरकर लाया पति, पत्नी बोली- यह मानसिक प्रताड़ना

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जयपुर: पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए एक व्यक्ति 55 हजार रुपये के सिक्के लेकर कोर्ट पहुंचा। सिक्कों को देखकर वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया। जब पत्नी ने इसका विरोध किया तो पति ने कहा कि यह भारतीय कानूनी मुद्रा है और इसलिए इसे स्वीकार किया जाना चाहिए। 

इस पर कोर्ट ने पति को अगली तारीख पर सिक्के गिनवाने का आदेश दिया। पति को एक-एक हजार रुपए का बैग बनाकर पत्नी को देने का निर्देश दिया। मामले में अगली तारीख 26 जून है।

आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कहानी शुरू हुई 12 साल पहले। तब जयपुर के दशरथ कुमावत की शादी सीमा कुमावत से हुई थी। लेकिन, पिछले पांच साल से दोनों के बीच विवाद चल रहा है। सीमा ने अपने पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज करा रखा है। इस केस में काफी समय से कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। पति दशरथ कुमावत पर 2.25 लाख रुपये के भरण-पोषण का भत्ता बकाया चल रहा है।

पिछले दिनों बकाया राशि नहीं देने पर जयपुर की हरमाड़ा थाना पुलिस ने दशरथ को अरेस्ट कर लिया. कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे बकाया राशि की पहली किश्त के भुगतान के आदेश के साथ जेल भेज दिया गया। दशरथ कुमावत के जेल में होने के कारण उसके परिजन बकाया राशि की पहली क़िस्त के तौर पर 55 हजार रुपए लेकर कोर्ट पहुंचे। ये रकम सिक्कों में थी. 7 बोरे भरकर, वजन करीब 280 किलो। सभी बोरों में 1, 2, 5 और 10 रुपये के सिक्के भरे थे।

इंडिया टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पति दशरथ कुमावत के वकील रमन गुप्ता ने कहा, ”यह मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा है। दशरथ कुमावत की शादी करीब 10 साल पहले सीमा कुमावत से हुई थी। शादी के 3-4 साल बाद दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। पति ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दी।”

वकील के अनुसार मामले की सुनवाई के दौरान फैमिली कोर्ट ने पति को पत्नी को हर महीने भरण-पोषण के तौर पर 5 हजार रुपये देने का निर्देश दिया। पति यह राशि पति 11 महीने से पत्नी को नहीं दे रहा था। कोर्ट ने पति के खिलाफ रिकवरी वारंट जारी किया फिर राशि का भुगतान नहीं करने पर नोटिस को गिरफ्तारी वारंट में बदल दिया। आखिरकार युवक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। हालांकि, रकम अदा करने के बाद कोर्ट ने पति को जमानत पर रिहा कर दिया।

यह मामला जयपुर के फैमिली कोर्ट-1 में चल रहा है। कोर्ट की छुट्टियां होने के कारण इस बार मामले की सुनवाई लिंक कोर्ट एडीजे-8 जयपुर महानगर प्रथम में हुई। पुलिस ने युवक को 17 जून को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। उसी दिन परिजन सात बोरों में एक और दो रुपये के सिक्के लेकर कोर्ट पहुंचे। बताया जाता है कि इन सिक्कों का वजन लगभग 280 किलो था।