‘सहानुभूति वोट के लिए नीतीश ने रेल मंत्री पद छोड़ा था, चुनाव बाद फिर मंत्री बने’

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पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद के समय रेल दुरघटनाओं में 973 लोगों की मौत हुई। गैसोल रेल दुर्घटना के बाद तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने दो माह बाद होने वाले चुनाव में सहानुभूति पाने के लिए मंत्री-पद से इस्तीफा दिया था।

उन्होंने कहा कि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह तत्कालीन रेल मंत्री के इस्तीफे को त्याग की कथा बना कर बालासोर रेल हादसे पर राजनीति कर रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि रेल मंत्री पद से इस्तीफा देने और चुनाव बीतने के बाद नीतीश कुमार अटल जी की सरकार में फिर मंत्री बन गए। उन्होंने बाद में रेल मंत्रालय का प्रभार भी सम्भाल लिया।

उन्होंने कहा कि 2014 के संसदीय चुनाव में जदयू को जब बिहार की 40 में से सिर्फ दो सीटें मिली थीं, तब भी नैतिक जिम्मेदारी लेने का नाटक करते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दिया था। उन्होंने त्याग और दलित-प्रेम दिखाने के लिए जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था।

श्री मोदी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार बड़े त्यागी थे, तो लालू प्रसाद की मदद से मात्र नौ माह बाद मांझी-सरकार क्यों गिरायी गई थी ? वे फिर खुद मुख्यमंत्री क्यों बन गए?

श्री मोदी ने कहा कि जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, तब रेल दुर्घटनाओं में लगभग 1000 लोगों की मृत्यु हुई थी। उनके समय में आतंकियों ने मुम्बई की ट्रेन में सीरियल धमाके कर 200 से ज्यादा लोगों की जान ली थी।

उन्होंने कहा कि बालासोर दुर्घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और राजद को किसी का इस्तीफा मांगने से पहले लालू प्रसाद के दौर की बड़ी रेल दुर्घटनाओं के दुखद पन्ने पलट लेने चाहिए।