बिहार : बिजली कनेक्शन के लिए अब जमीन की रसीद जरूरी नहीं रहेगी, सिर्फ शपथ पत्र से चल जाएगा काम

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पटना। बिजली कनेक्शन के लिए अब जमीन की रसीद देना जरूरी नहीं होगा। आम लोगों की सुविधा के लिए बिजली कंपनी बड़ा बदलाव करने जा रही है। रसीद के बदले अगर लोग शपथ पत्र भी जमा कर देंगे तो उन्हें बिजली कनेक्शन दे दिया जाएगा। ग्रामीण व शहरी इलाके में यह देखा जा रहा है कि लोग वर्षों से जिस जमीन पर रह रहे हैं उनके पास उसकी रसीद नहीं है। चूंकि रसीद रैयती या खरीदगी जमीन की ही होती है। 

ऐसे में कोई अगर गैर-मजरूआ जमीन पर रह रहा हो तो उनके पास रसीद नहीं होती। ऐसे में अगर लोग बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन देते हैं तो उन्हें रसीद के अभाव में कनेक्शन नहीं मिल पाता है। चूंकि गुमटी या अस्थाई दुकानों को शपथ पत्र के आधार पर कनेक्शन दिया जाता है तो फिर घरों को कनेक्शन देने में क्या परेशानी है। इसलिए कंपनी ने तय किया है कि शपथ पत्र के आधार पर घरों व व्यावसायिक कार्यों के उपयोग के लिए भी बिजली कनेक्शन दिया जाए। 

इस बदलाव के लिए कंपनी ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष प्रस्ताव दिया है। कंपनी ने इसके लिए बिहार इलेक्ट्रिक सप्लाई कोड 2007 में बदलाव करने का अनुरोध आयोग से किया है। हालांकि आयोग ने पहली सुनवाई में शंका जाहिर की है कि क्या शपथ पत्र के आधार पर कनेक्शन देने से अवैध कब्जा का मामला नहीं बढ़ेगा। 

कंपनी ने आयोग के समक्ष दलील दी है कि जिस जमीन पर लोग वर्षों से रह रहे हैं और आवेदक खुद उसका शपथ पत्र देंगे तो अवैध कब्जा का मामला सामने नहीं आएगा। कंपनी को उम्मीद है कि आयोग उसकी दलील को स्वीकारते हुए जल्द ही फैसला सुनाएगा। इसके बाद पूरे बिहार में लोग केवल शपथ पत्र व अन्य दस्तावेजों के आधार पर ही बिजली कनेक्शन ले सकेंगे।

बढ़ेगी उपभोक्ताओं की संख्या

कंपनी को भरोसा है कि उसके इस प्रयास से एक ओर लोगों को जहां आसानी से बिजली कनेक्शन मिलेंगे, वहीं दूसरी ओर राज्य में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या भी बढ़ेगी। बिहार में अभी बिजली उपभोक्ताओं की संख्या एक करोड़ 60 लाख से अधिक है। आने वाले वर्षों में इसे दो करोड़ करने का लक्ष्य है। इन प्रयासों से ही राज्य में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि होगी।