भीषण तपिश के बीच बिहार, यूपी व झारखंड में बिजली संकट के आसार, जानें क्या है मामला

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पटना। देश के कई राज्यों में समय से पहले भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग में तेज वृद्धि हुई है। इसके कारण थर्मल पावर प्लांट में कोयले की खपत तेजी से बढ़ रही है। यूपी, बिहार, झारखंड के बिजली संयंत्रों में भी स्टॉक घटने लगा है। हिंदुस्तान ऑनलाइन ने अपनी एक रिपोर्ट में कोल इंडिया के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि 30 बिजली संयंत्र में कोयले का स्टॉक ‘क्रिटिकल’ श्रेणी में है। यानी यहां सात दिन से कम का कोयला बचा है। स्थिति नहीं सुधरी तो यह ‘सुपर क्रिटिकल’(तीन दिन से कम) श्रेणी में आ जाएगा।

दक्षिण से उत्तर तक संकट

कोयला कंपनियों से मिली जानकारी के अनुसार, पहले दक्षिण भारत के बिजली संयंत्रों में कोयले के स्टॉक में कमी थी। अब यूपी, बिहार और झारखंड के बिजली संयंत्रों में भी स्टॉक में कमी आई है। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड से दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने संयंत्रों के लिए ज्यादा कोयले की मांग की है। डीवीसी के कुछ बिजली संयंत्र में पांच-छह दिन का ही कोयला स्टॉक है।

सरकार की पहल

सूत्रों ने बताया कि कोयला संकट से निपटने और बिजली उत्पादन जारी रखने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को खदानों के पास वाले संयंत्रों के लिए लिंकेज कोल पर 25 फीसदी टोलिंग सुविधा देगी। इसके तहत आयायित कोयले में देशी कोयला मिलाते हैं। आयातित कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है।