Corona Guidelines For Delhi Schools : (नई दिल्ली)। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों (Corona Cases In Delhi) को देखते हुए दिल्ली सरकार की ओर से स्कूलों के लिए कोरोना गाइडलाइन जारी कर (Corona Guidelines For School) गई है। इसके मुताबिक यदि स्टूडेंट जिस क्लास का हो या कोई दूसरा स्टाफ कोविड पाया गया है उसे अस्थायी रूप से बंद किया जाना चाहिए। स्कूल पूरे कैंपस को बंद करने का भी निर्णय ले सकते हैं जहां संक्रमित बच्चा या कर्मचारी दूसरे एरिया से गुजरा हो। पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले बढ़े हैं जिसको देखते हुए दिल्ली सरकार की ओर से स्कूलों के लिए यह नियम जारी किए गए हैं।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि गाइडलाइन के मुताबिक केवल विशिष्ट विंग या क्लास जहां कोई छात्र या स्टाफ कोविड पॉजिटिव पाया गया था उसे अस्थायी रूप से बंद किया जाना चाहिए। स्कूल उन विशिष्ट मामलों में पूरे परिसर को बंद करने का निर्णय ले सकते हैं जहां एक कोरोना संक्रमित बच्चा या कर्मचारी स्कूल के कई क्षेत्रों से गुजरा हो।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम 20 अप्रैल को डीडीएमए की अगली बैठक में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करेंगे। बैठक में, विशेषज्ञ दिल्ली को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे इससे हमें सही फैसला लेने में मदद मिलेगी। महामारी के चलते दो साल के अंतराल के बाद ऑफलाइन क्लास पूरी तरह से फिर से शुरू होने के कुछ ही हफ्तों के अंदर स्कूलों में संक्रमण के मामले बढ़ने की खबरों ने चिंता बढ़ा दी है।
दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने राजधानी के सभी प्राइवेट और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को कहा है कि वे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठाएं। अगर किसी भी स्कूल में कोई कोविड का मामला सामने आता है तो तुरंत निदेशालय को जानकारी दी जाए। स्कूलों के लिए जारी एडवाइजरी में कहा गया कि सभी स्टूडेंट, टीचर और स्टाफ मास्क पहनें। जितना मुमकिन हो सके, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।
कोविड-19 से बचाव को लेकर प्राइवेट स्कूल ब्रांच के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन योगेश पाल सिंह ने स्कूलों के नाम एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्टाफ मास्क पहनें। जितना मुमकिन हो सके, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। सभी बार-बार हाथ धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों से कहा है कि कोविड संक्रमण को लेकर स्टूडेंट्स, टीचर्स, स्टाफ और पैरंट्स को जागरूक करें।