Deoghar Ropway Collapse : (देवघर) रामनवमी के दिन यानी रविवार, 10 अप्रैल 2022 की शाम देवघर में बड़ा हादसा हो गया। यहां त्रिकुट पर्वत पर संचालित रोपवे का सैप टूटने से अचानक हवा में करीब 75 से अधिक लोग फंस गए। हालांकि इनमें से 24 लोगों को तो देर रात तक ही निकाल लिया गया, लेकिन 12 केबिन में फंसे 48 पर्यटक पूरी रात हवा में अपनी सांसें थामे जमीन से करीब दो हजार फीट ऊपर लटके रहे। सोमवार की सुबह करीब सवा छह बजे वायुसेना का हेलीकॉप्टर कमांडोज के साथ पहुंचा। यहां पहले वायुसेना के जहाज ने एरियल सर्वे किया। फिलहाल फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए चॉपर फंसे केबिन के ऊपर पहुंच चुका है।
इससे पहले सुबह करीब सवा पांच बजे भारतीय सेना व आइटीबीपी की टीम बचाव कार्य के लिए त्रिकुट रोपवे पहुंची। साढ़े पांच बजे पटना से एनडीआरएफ की टीम भी आई। वहीं देवघर की 30 सदस्यीय एनडीआरएफ टीम व जिला प्रशासन के लोग पूरी रात अपने स्तर से रोपवे में फंसे लोगों को बचाने में जुटे रहे। जिले के डीसी, एसपी समेत अपनों की सकुशल वापसी का इंतजार कर रहे स्वजन भी पूरी रात घटनास्थल पर ही डटे रहे।
रविवार शाम में हुए हादसे के बाद 12 ट्रॉलियों में फंसे लोग पास की दूसरी ट्रॉली के लोगों के साथ पूरी रात बात करते रहे। राहत कार्य में जुटे कर्मी भी उनसे लगातार संपर्क करते रहे। बताया जाता है कि ऊपर फंसे सारे लोग बिल्कुल सुरक्षित हैं। हालांकि रविवार शाम में हुए हादसे के बाद इन्हें कुछ भी खाने-पीने को नहीं मिल सका है। जो कुछ यह अपने साथ ले गए, उसी को खाकर भूख मिटाई।
गौरतलब है कि त्रिकुट पर्वत पर संचालित रोपवे कुल 26 ट्रॉलियों के साथ चलाया जाता है। हालांकि रविवार को 24 ही चल रही थीं। 2 ट्रॉलियों का मेंटेनेंस किया जा रहा था। हादसे के समय रोपवे के 20 केबिन में 80 यात्री सवार थे। इनमें से 8 केबिन में फंसे करीब 28 लोग रविवार की रात तक ही निकाल लिये गए थे, जबकि 12 अन्य ट्रॉलियों में फंसे लोगों को बचाने के लिए अब अभियान चलाया जा रहा है। वहीं पहाड़ के ऊपर फंसे करीब 25 से 30 लोग रात में पैदल ही नीचे उतर गए।
इस हादसे में एक दर्जन लोग घायल हो गए हैं। वहीं एक महिला सुमति देवी की मौत इलाज के क्रम में सदर अस्पताल में हो गयी। सिविल सर्जन डा. सीके शाही ने इसकी पुष्टि की है। उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय से बात की है। जो लोग फंसे हुए हैं, जिला प्रशासन उनके संपर्क में हैं।
झारखंड का एकमात्र रोपवे देवघर के त्रिकुट पर्वत पर है। इसके माध्यम से यहां आए पर्यटक पर्वत पर जाते हैं। रविवार को रोपवे ने ज्योंही यात्रा प्रारंभ की, इसके टाप लेवल के रोप का सैप टूट गया। रोप वे का संचालन दामोदर वैली कंपनी करती है। इससे सालाना तकरीबन 80 लाख रुपये सरकार को मिलते हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रोपवे के सैप के टूटते ही जमीन से 2512 फीट ऊपर के दो केबिन टावर से टकरा गए और आठ यात्री इसमें घायल हो गए। सतह से ऊपर की ओर जा रहे एक केबिन में बैठे दो यात्री घायल हो गए। यह दोनों पति-पत्नी असम के कोकराझार के रहने वाले हैं। दंपती भूपेन वर्मा एवं दीपिका वर्मा का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है। दीपिका के माथे में चोट आई है। वह बेहोश है। भूपेन भी कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं।
रोपवे के शुरू होने पर एक तरफ से 12 केबिन और दूसरी तरफ से 12 केबिन एक साथ चलते हैं। घटना ऊपर से नीचे आने वाले रोपवे के सैप टूटने से हुई है। इससे रोपवे बंद हो गया। हालांकि नीचे से ऊपर की ओर जाने वाला सैप नहीं टूटा था। इस घटना में टाप के दो केबिन के यात्री ज्यादा घायल हैं।
त्रिकुट रोपवे की साइट इंचार्ज विनीता सिन्हा ने हादसे के बाद कहा कि हम इस घटना से स्तब्ध हैं। लोगों को बचाने के लिए पूरे धैर्य से बचाव टीम काम कर रही है। हम फंसे हुए यात्रियों को बचाने में पूरी शिद्दत से लगे हैं। उन्होंने कहा कि रोपवे का केबिन बहुत मजबूत था, इसलिए बड़ा नुकसान नहीं हुआ। भविष्य में भी ऐसी स्थिति उत्पन्न नही होगी, इसके लिए सजगता और बढ़ाएंगे। हम यात्रियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ खड़े हैं, उनकी हर जरूरत में मदद करेंगे।