Pregnancy Tips : (हेल्थ डेस्क)। बिहार में मातृ-शिशु मृत्यु दर (Mother Child death ratio) में कमी लाने तथा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण सुरक्षित प्रसव उपलब्ध (Safe delivery) कराना नैतिक जिम्मेदारी है। इसके प्रति स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) को सजग रहने की जरूरत है। सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को 4 एएनसी यानि प्रसव पूर्व जांच (Pre delivery medical tests) कराना जरूरी है। इसके लिए गांव स्तर पर प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध है।
बता दें कि आरोग्य दिवस (Arogya Diwas) पर प्रसव पूर्व जांच की जाती है। विभाग के द्वारा सप्ताह में दो दिन आरोग्य दिवस का आयोजन किया जाता है। शुक्रवार और बुधवार को जिले के सभी प्रखंडों में गांव स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर आरोग्य दिवस आयोजित किया जाता है जहां प्रसव पूर्व जांच की सुविधा के साथ पीएनसी, टीकाकरण (Vaccination) समेत अन्य की सुविधा मुहैया करायी जाती है। यहा प्रसव पूर्व जांच के दौरान जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान की जाती है। गर्भवती महिलाओं के बीच आयरन की गोली का भी वितरण किया जाता है।
सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन जांच की सुविधा उपलब्ध
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच की सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों जैसे- एपीएचसी, पीएचसी और सीएचसी में प्रतिदिन उपलब्ध है। इसके साथ प्रत्येक माह नौ तारिख को विशेष रूप शिविर आयोजित कर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। इसके साथ आवश्यक चिकित्सकीय सुविधा मुहैया करायी जाती है।
इस दौरान जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान की जाती है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं होने वाली जटिलताओं से बचाना है। विशेष रूप से जटिलताओं के कारण जच्चा एवं बच्चा के नुकसान को रोकना है। अभियान के माध्यम से गर्भवती महिला की प्रसव पूर्व जांच करा कर प्रसव के दौरान होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं में गर्भधारण के बाद उच्च रक्तचाप बढ़ जाता है। एक्लेम्पसिया की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिसका प्रबंधन सही तरीके से करने के बाद जब तक प्रसव नहीं हो जाता है तब तक जच्चा एवं बच्चा दोनों का नुकसान होने का खतरा रहता है।
सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए विभाग प्रयास सार्थक
आईएमए के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शालीग्राम विश्वकर्मा ने बताया कि सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने तथा मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विभाग के द्वारा जो प्रयास किया जा रहा है वो सराहनीय है। अब तो गांव स्तर पर महिलाओं को एएनसी जांच की सुविधा दी जा रही है। इससे उन्हें अब प्राइवेट अस्पताल में कम जाना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे लगता अभी भी महिलाओं में जागरूकता की कमी है। महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। जिले निजी चिकित्सकों को भी आगे आना चाहिए, जो भी महिलाएं उनके यहां आती है तो उन्हें एएनसी जांच के बारे में जानकारी दें। ताकि अधिक से अधिक महिलाएं जागरूक हो सकें।
आशा दीदी से मिली जानकारी
सारण जिले के गड़खा की निवासी कुसुम देवी ने कहा कि मुझे इतना तो पता था कि प्रसव के पहले जांच कराना चाहिए, लेकिन इसके बारे ज्यादा जानकारी नहीं थी कि यह सुविधा कहां-कहां मिलती है। मेरी गांव के आशा दीदी ने मुझे यह जानकारी दी कि अब गांव में हीं आरोग्य दिवस पर एएनसी जांच किया जाता है और आवश्यक जानकारी दी जाती है। तब से मैं नियमित प्रसव पूर्व जांच करा रहीं हूं।