Uttarpradesh Election 2022 : (लखनऊ)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का रण दिनोंदिन दिलचस्प होता जा रहा है। इस चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों को उनके ही गढ़ में घेरने की कोशिश एक-दूसरे के दल कर रहे हैं। इन कोशिशों के तहत सपा जहां गोरखपुर से कोई दमदार प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है तो वहीं भाजपा ने कभी मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) रहे आगरा से सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को करहल से मैदान में उतार दिया है। खास बात यह है कि आज ही अखिलेश यादव ने नामांकन किया तो कुछ देर बाद ही सत्यपाल सिंह बघेल (एसपी सिंह बघेल) ने भी अपना पर्चा भर दिया।
इलाके में बघेल समाज के करीब 35 से 40 हजार वोट बताए जाते हैं। भाजपा से उनके ताल ठोंकने के चलते करहल में अखिलेश को कुछ चुनौती मिल सकती है। हालांकि करहल का जातीय गणित और इतिहास समाजवादी पार्टी के पक्ष में रहा है। क्षेत्र में डेढ़ लाख के करीब यादव वोट बताए जाते हैं। इसे अखिलेश यादव के लिए काफी सुरक्षित सीट माना जा रहा है। फिर भी एसपी सिंह बघेल के जरिए भाजपा अखिलेश की करहल में घेराबंदी करना चाहती है।
बता दें कि बघेल की जिंदगी और उनका राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। 1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद सत्यपाल सिंह बघेल उनकी सुरक्षा टीम में शामिल हो गए थे और तबसे उनके करीब माने जाते थे। समाजवादी पार्टी ने 1998 में बघेल को जलेसर सीट से उम्मीदवार बनाया और वह जीते। उसके बाद दो बार सांसद चुने गए लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव के समय उन्होंने सपा छोड़कर बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन कर ली।
बघेल, वर्ष 2010 में बसपा से राज्यसभा सांसद बने। 2014 में फिरोजाबाद लोकसभा से रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के सामने वह चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। इसके बाद वह राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के टिकर पर टूंडला से जीतकर प्रदेश सरकार में मंत्री बने। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आगरा से उन्हें टिकट दिया तो यहां से भी बघेल ने शानदार जीत दर्ज की। भाजपा ने उन्हें केंद्र में राज्यमंत्री भी बनाया है।