तो क्या खत्म हो रहा कोरोना? 24 घंटे में 2,38,018 नए केस, लेकिन कई शहरों में कमजोर पड़ी लहर

कोविड-19 ताज़ा खबर
SHARE

Corona Jan 2022: (सेंट्रल डेस्क)। भारत में कोरोना की संक्रमण दर अब थमती नजर आ रही है। उन प्रमुख शहरों, जहां कोरोना संक्रमण के कारण कोहराम मचा था, उन राज्यों या शहरों में संक्रमण दर या तो स्थिर हो गया है या फिर कम हो रहा है। इसे देखते हुए कई विशेषज्ञ अब मान रहे हैं कि देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का पीक थम चुका है।

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल (Professor Manindra Agarwal) ने सूत्र मॉडल के जरिए आकलन किया है कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहर कोविड की तीसरी लहर का पीक पीछे छोड़ चुके हैं। भारत का पीक (Corona Peak in India) 23 जनवरी को आ सकता है। इस दौरान रोजाना आ रहे नए केस 4 लाख से ज्यादा नहीं होंगे। पहले कोविड लहर के पीक पर 7 लाख नए केसों की आशंका जताई जा रही थी। वहीं कई राज्यों में पीक पर ज्यादा केस नहीं आएंगे। उत्तर प्रदेश में पीक (Corona peak in UP) 19 जनवरी को आने की संभावना है।

बीते 24 घण्टे में 2,38,018 नए केस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़े इस बात पर मुहर लगाते दिख रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में बीते 24 घंटों में कोरोना के 2,38,018 नए केस आए हैं। यह आंकड़ा एक दिन पहले से 20 हजार कम है। इसके अलवा मुंबई, दिल्ली और कोलकाता जैसे महानगरों में भी मरीजों में कमी देखी जा रही है।

14.43 फीसदी पर आया पॉजिटिविटी रेट

इन आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में देशभर में 310 मरीजों की मौत हुई है। 1,57,421 मरीज ठीक हुए हैं। इस तरह देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 17,36,628 है। दैनिक पॉजिटिविटी रेट 14.43% है। भारत में अब तक ओमिक्रोन के 8,891 मरीज सामने आए हैं।

कई प्रमुख शहरों में घटने लगे केस

आंकड़ों के मुताबिक, कई प्रमुख शहरों में कोरोना के केस घटना लगे हैं। सोमवार तक महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस आ रहे थे, जबकि यहां 31,111 नए मामले दर्ज किए गए जो एक पहले की तुलना में 10 हजार कम है। दिल्ली के साथ ही कोलकाता में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।

हालांकि सारे आकलन सही साबित नहीं हुए

कोविड की तीसरी लहर में डेल्टा और ओमीक्रोनन का बर्ताव गणितीय मॉडलों को चकमा देता रहा है। प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि पॉजिटिव लोगों के संपर्कों की ट्रेसिंग में मिले बिना लक्षण वालों के टेस्ट न करने का आईसीएमआर के आदेश का अब तक पालन नहीं हुआ है, लेकिन बदलाव दिखने लगा है। इसकी दो वजह मानी जा सकती हैं।

पहली, आबादी में एक ऐसा समूह, जिसके शरीर में ओमीक्रोन से लड़ने की क्षमता (इम्यूनिटी) कम है और दूसरे समूह में भरपूर इम्यूनिटी है। ओमीक्रोन पहले समूह में ज्यादा फैला और केस बढ़े। इसके बाद ठहराव आ गया। ओमीक्रोन के हल्के साबित होने के बाद लोग लक्षण दिखने पर भी टेस्ट से बच रहे हैं। मॉडल से किए गए सारे आकलन सही साबित नहीं हुए।