जिस प्रखंड कार्यालय में बेचते थे चाय वहीं के बन गए प्रमुख, पहले बीडीओ को पिलाते थे चाय अब वे होंगे सचिव

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Biharsharif News: (बिहारशरीफ)। पंचायती राज व्यवस्था में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एकल पद में आरक्षण (Reservation on Single Post) का प्रावधान किया था। इसके तहत अति पिछड़ी जाति, महिला और अनुसूचित जाति के लिए (Reservation for sc-st) भी एकल पद रिजर्व हुआ। आज इस रिजर्वेशन का फायदा मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में देखने को मिला। वह भी उस प्रखंड में जहां से वे पहली बार विधायक चुने गये थे।

रहुई प्रखंड (Rahui block) में हुए प्रमुख के चुनाव में प्रखंड कार्यालय में चाय बेचने वाला अति पिछड़ी जाति का युवक प्रमुख बन गया। जिस बीडीओ को वह रोज चाय पिलाता था अब वह बीडीओ पंचायत समिति के सचिव होंगे और चाय पिलाने वाला व्यक्ति प्रमुख।

खास बात तो यह है कि चाय पिलाने वाला युवक रहुई प्रखंड कार्यालय में प्रखंड स्थापना के समय से ही चाय बेचने के पुस्तैनी धंधे में लगा है। तब उसके पिता प्रखंड कार्यालय में चाय बेचते थे।

रहुई के नवनिर्वाचित प्रमुख बाबूलाल राम के पिता पहले रहुई प्रखंड कार्यालय में चाय बेचते थे। बाबूलाल बताते है कि तब नीतीश कुमार राजनीति करते थे और रहुई प्रखंड आते थे तो उनके पिता की दुकान में ही चाय पीते थे। हालांकि तब बाबूलाल बच्चे थे।

बाबूलाल रहुई प्रखंड के उत्तरनावां पंचायत के सुलेमानपुर गांव के रहने वाले है, जो अपने पुस्तैनी धंधे में बचपन से हीं जुटे हुए है, जो प्रखंड कार्यालय में अपने क्षेत्र के आये लोगों को कार्यों में सहयोग करते थे चाहे किन्हीं का प्रमाण पत्र बनाना रहा हो या फिर खेत की जमाबंदी आदि-आदि। आरक्षण में उनके पंचायत का पंचायत समिति पद अति पिछड़ी जाति को गया, जिसके बाद उन्होंने इस क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी की और वे चुनाव जीत गये।

समय कुछ ऐसा पलटा कि निर्वाची सदस्य और प्रखंड के निर्वाचित मुखियाओं ने फैसला लिया कि प्रखंड प्रमुख के पद जो अति पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित है पर बाबूलाल को ही प्रत्याशी बनाया जाय और बाबूलाल ने आज चुनाव में बाजी मार ली।

प्रखंड कार्यालय में हुए चुनाव में वह विपक्ष के सात वोट के विरुद्ध 12 वोट लाकर रहुई पंचायत समिति का प्रमुख बनने में कामयाबी हासिल की। उन्होंने इसके लिए सभी पंचायत समिति सदस्यों, मुखिया एवं क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों के प्रति आभार जताया।

खासकर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति अपना आभार जताते हुए कहा कि यह उनकी सोच के कारण ही हो सका है अन्यथा आर्थिक रूप से कमजोर अति पिछड़ी जाति के लोगों को इस पद तक पहुंचना आसान नहीं नामुमकिन था।

उनका कहना है कि पंचायत समिति में आरक्षण रहने के कारण ही वे अपनी जाति की बहुलता नहीं होने के बावजूद पंचायत समिति सदस्य चुने गये और फिर अति पिछड़ी जाति के लिए प्रमुख का पद रिजर्व होने की वजह से ही वे इस पद को भी हासिल कर सके।