Tejasvi Yadav: हिंदू-मुस्लिम की गिनती हो सकती है तो जातिवार संख्या की क्यों नहीं, तेजस्वी ने उठाया सवाल

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Tejasvi Yadav: बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि जातिगत जनगणना से बिना सही आँकड़े जुटाए कई वर्ग विशेष के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक पिछड़ेपन को दूर करना संभव नहीं है। राज्य की नीतीश सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार सरकार घोटालों और शराबबंदी की जांच के नाम पर दिखावा करती है और बस छोटी मछली का ही शिकार करती है। बिहार बर्बाद है, क्योंकि नीतीशे कुमार है। अभी की सरकार चोर दरवाज़े की सरकार है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं चाहता हूँ कि जाति,धर्म और क्षेत्र की बजाय नौकरी, रोजगार ,महंगाई, भ्रष्टाचार, उद्योग-धँधे, गरीबी, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, किसान और विकास पर बात हो लेकिन ये ध्यान भटकाने के लिए हिंदू-मुसलमान, लव जेहाद, घर वापसी, रिया चक्रवर्ती, शाहरुख़ खान का बेटा जैसे मुद्दों पर बात करते है। हम जल्द ही बेरोजगारी के मुद्दे पर देश में सबसे बड़ा महारैला करेंगे।

दिल्ली में एक निजी टेलीविजन चैनल से वार्तालाप के दौरान कहा कि नीतीश जी की पार्टी 15 साल से सत्ता में हैं वो तीसरे नम्बर की पार्टी बन गई, और अपने आप को विश्व की सबसे बडी पार्टी कहने वाली भाजपा तीसरे नंबर की पार्टी के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने पर मजबूर हुई। वो लोग तो हमसे डरे हुए थे और डरे हुए है।

तेजस्वी यादव ने जातिगत जनगणना के पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि हिन्दू-मुस्लिम की गिनती होती है। क्यों होती है? पेड़ों की गिनती क्यों होती है? शेर-बाघ की गिनती क्यों होती? योजना बनाने के लिए होती। इसीलिए जातिगत जनगणना जरूरी है। ये लड़ाने के लिए नहीं है। सिक्ख-ईसाई की गिनती होती है तो वो तो लड़ाई नहीं करते।

उन्होंने पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनावों की चर्चा करते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार, प्रधानमंत्री, बिहार समेत कई भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, केंद्र व राज्य के मंत्री और सब मिलकर भी 31-32 साल के लड़के से लड़ रहे थे और तमाम तिकड़म करने के बावजूद मात्र 12,000 का वोटों का ही अंतर रहा।

नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि बेरोजगारी देश का सबसे बड़ा मुद्दा है। हमने इस मुद्दे को सर्वप्रथम देश में उठाया था। बिहार में 5 लाख से अधिक सरकारी पद रिक्त हैं। इस मुद्दे को और अधिक पुरजोर से उठाने के लिए हम जल्द ही ‘बेरोजगारी महारैला” का आयोजन करेंगे।

उन्होंने कहा, “आजकल एक नया ट्रेंड चल रहा है. जो भी हो, जो भी देश में गलत चल रहा हो, उसका दोष और जिम्मेदारी विपक्ष पर डाल दो। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि टीवी चैनल विभाजनकारी डिबेट्स कर सबसे अधिक प्रदूषण फैला रहे है। 2024 में मोदी को टक्कर देश की जनता देगी।”

तेजस्वी यादव ने विपक्ष की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि दक्षिण भारत में BJP मजबूत नहीं है क्योंकि वहाँ की रीज़नल पार्टी ने उसे रोक रखा है। जो भी रीज़नल पार्टी जहाँ मजबूत हो उन्हें वहाँ ड्राइविंग सीट मिले। बाकी 200 सीट हैं जहां रीजनल पार्टी नहीं है। वहां INC-BJP आमने-सामने हैं। हमें एकजुट होना होगा।

केंद्र सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार को लगता कि वो किसान के फ़ायदेमंद की बात कर रहे तो उन्हें बुलाकर बात करिए, कन्वेंशन करिए, वार्ता कीजिए। पर आप तो बस लाठी चला रहे हैं। महंगाई बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रदर्शन करने वालों को भी ये लाठी-डंडे से पीटते है। लोकतंत्र को भूल ये लाठी-डंडे की अहंकारी सरकार बनकर रह गई है।”

2014 में मोहन भागवत ने कहा था कि कई सौ वर्षों बाद हिंदुओं का राज आया है। अब 2021 में कह रहे है हिंदू पहले से कमजोर हुआ है। वो कहना क्या चाह रहे है? क्या मोदी राज में वो कमजोर हो गए है?