Muzuffurpur Eye Hospital Kand: मुजफ्फरपुर में आंख का ऑपरेशन के बाद रोशनी गंवाने की घटना सामने आने के चार दिन बाद गुरुवार को सिविल सर्जन ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर एनडी साहू और डॉ. समीक्षा सहित चार डॉक्टरों और पांच पारा मेडिकल स्टॉफ पर प्राथमिकी दर्ज करा दी।
हत्या का प्रयास सहित कई धाराओं के तहत FIR
इन सभी लोगों पर हत्या के प्रयास, जानबूझ कर लापरवाही और अंगभंग करने जैसे जुर्म की धाराएं (307,336,337, 325,326) लगाई गई है। इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन पर भी कई संगीन आरोप लगाए गए हैं। सरकार के आदेश के 24 घंटे बाद बड़ी जद्दोजहद से ब्रह्मपुरा थाने में सिविल सर्जन ने एफआईआर कराई। एसएसपी ने कहा कि एफआईआर दर्ज होते ही जांच शुरू कर दी गई है।
65 में से 15 मरीजों की निकालनी पड़ी आंख, अब जांच रिपोर्ट के बाद अन्य मरीजों पर होगा निर्णय
वहीं, गुरुवार 2 दिसंबर 2021 को भी पूरे मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज और सदर अस्पताल से लेकर आई हॉस्पिटल तक गहमागहमी बनी रही। मुजफ्फरपुर ऑई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को ऑपरेशन हुए सभी 65 मरीजों की जांच अब पटना के अस्पतालों में कराया जाएगा। बता दें कि संक्रमण फैलने के बाद इनमें से 15 लोगों की आंख निकालनी पड़ी थी।
अब खबर है कि जांच रिपोर्ट के बाद ही किसी अन्य की आंख निकाले जाने और इलाज पर निर्णय होगा। डीएम प्रणव कुमार ने कहा है प्रशासन हर एक मरीज से संपर्क कर रहा है। गुरुवार को तीन मरीजों की संक्रमित आंख निकाली जानी थी मगर किसी का भी ऑपरेशन नहीं हो सका। इधर,पटना से पहुंची जांच टीम के अधिकारी ने कहा कि कई स्तरों पर जांच हो रही है। जांच रिपोर्ट में अस्पताल का दोष सामने आया तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा।
एसकेएमसीएच में इस मामले से जुड़े फिलहाल 21 लोगों का इलाज चल रहा है। तीन लोगों का गुरुवार को ऑपरेशन कर संक्रमित आंख निकाली जानी थी। बरुराज के देवलाल साह को ऑपरेशन के लिए ओटी में ले भी जाया गया मगर अचानक उसे बाहर ले आया गया। पूछने पर डॉक्टरों ने कहा कि अब बाद में ऑपरेशन होगा।
प्रशासन ने क्या कहा
आगे के इलाज के संबंध में डीएम ने कहा है कि विशेषज्ञों की सलाह के बाद सभी संक्रमितों की जांच हायर सेन्टर से कराने का फैसला लिया गया है। जांच की रिपोर्ट के आधार पर आगे का इलाज तय किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन हर एक-एक मरीज से संपर्क में है। माना जा रहा है कि इसी फैसले के कारण गुरुवार को ऑपरेशन रोक दिया गया है।