Bihar Assembly News: टाल क्षेत्र से जल निकासी पर खर्च होंगे 1178 करोड़, सदन में मंत्री ने दी जानकारी

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Bihar Assembly News: बिहार के टाल क्षेत्रों में होनेवाले जलजमाव से मुक्ति की कवायद शुरू हो गई है। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा के अरुण कुमार सिन्हा एवं राणा रंधीर के ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि टाल क्षेत्र से जल निकासी को लेकर ११७८ करोड़ की योजन स्वीकृति की गयी है।

उन्होंने बताया कि पांच योजनाओं का टेंडर फाइनल हो गया है एक  का टेंडर फिर से जारी किया जायेगा। शीघ्र ही टेंडर आमङ्क्षत्रत कर उसे फाइनल कर दिया जायेगा। तय समय क अंदर योजना को पूर्झा कर लिया जायेगा। हालांकि स्पीकर विजय कुमार सिन्हा स्वयं मंत्री के जवाब से असंतुष्टï होते हुए प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति को सौंपने की घोषणा की।

जल संसाधन मंत्री ने अपने जवाब में सदन को बताया था कि मोकामा-बड़हिया टाल क्षेत्र सहित संपूर्ण टाल क्षेत्र में मौनसून अवधि में वर्षा का पानी दक्षिण बिहार के नदियों का जल एवं गंगा नदी के बाढ़ का पानी टाल क्षेत्र में भर जाता है। टाल क्षेत्र के जल की निकासी हेतु एक मात्र मार्ग हरोहर नदी है।

मॉनसून के बाद गंगा के जलस्तर में कमी होने पर टाल का पानी हरोहर नदी के माध्यम से किउल नदी होते हुए गंगा में जाता है। टाल से पानी शीघ्र निकालने हेतु हरोहर नदी एवं किउल नदी के संगम पर प्रत्येक वर्ष ड्रेजिंग कराया जाता है।

बरसात के दिनों में गंगा नदी के बाढ़ का पानी एवं दक्षिण पश्चिम से आने वाली नदियों के पानी से टाल क्षेत्र सामान्यत: डूबा रहता है। इस कारण टाल क्षेत्र का अधिकांश भूभाग में खरीफ की खेती नहीं हो पाती है, परंतु रबी की बुआई के पश्चात टाल क्षेत्र में चना, मसूर, मटर, अरहर आदि दलहनों की अच्छी पैदावार होती है।

उन्होंने कहा कि टाल क्षेत्र में गंगा के बैक वाटर को प्रवेश से रोकने, जल प्रवाह को नियंत्रित करने एवं बेहतर जल प्रबंधन के लिए बाढ़ प्रबंधन योजना के तहत 188.50 करोड़ की लागत से कई योजनाओं का कार्यान्वयन हो रहा है।

जिसमें हरोहर नदी से लखीसराय जिला के लखीसराय प्रखंड के अंतर्गत बालुदर ग्राम के पास एंडी फ्लड स्लूइश सह रेगुलेटर का निर्माण कार्य प्रगति पर है एवं डुमना सोता, खनुआ सोता, गायघाट सोता एवं लंगड़ी सोता में एंटी फलड स्लूइस का निर्माण करा लिया गया है। आठ सितंबर को कैबिनेट ने 1178 करोड़ की लागत से परियोजना स्वीकृत की गयी।

मुहाना गोइठवा एवं जिराइन नदियों पर कुल तीन बराज का निर्माण, विभिन्न स्थलों पर कुल 11 बीयर का निर्माण, विभिन्न स्थलों पर 56 चेक डैम का निर्माण, टाल क्षेत्र के अंतर्गत 74 पईनो का तल सफाई कार्य के साथ 225 कलार्ट का निर्माण, पटना जिलांतर्गत बाढ़-सरमेरा रोड पुरन गिहा से कोन्दी से घोसवरी होते हुए हरोहर नदी के बाये किनारे बालगुदर घट तक बांध एवं कई एंटी फलड स्लूइस का निर्माण, अशोक धाम से होते हुए सरमेरा तक बांध का निर्माण कार्य साथ में उसके उपर सडक़ निर्माण कार्य कराया जाना है।

उपरोक्त निर्माण कार्य से टाल क्षेत्र में नियुत्रित रुप से ही उसमें जल प्रवेश करेगा और जल निकासी भी जल्द होगा। वर्तमान में गंगा नदी का जलस्तर हाथीदह गेज स्थल पर 36.69 मीटर है तथा टाल क्षेत्र के अधिकांश क्षेत्रों से जल निकासी हो चुकी है। आधारभूत संरचनाओं यथा रेलवे लाइन, एनएच, निर्माणाधीन गंगा सेतू एवं घनी आबादी होने के कारण हाथीदी के पास से टाल का पानी चैनल बनाकर निकालना तकनीकी दृष्टिकोण से संभव नहीं है।