Nitish Cabinet Decision: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार, 23 नवंबर 2021 को संपन्न बिहार कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। बिहार में पांचवें वेतनमान वाले कर्मचारियों और पेंशनधारियों का महंगाई भत्ता 12 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
वहीं छठे वेतनमान वाले कर्मियों को सात प्रतिशत अधिक महंगाई भत्ता दिया जाएगा। 1 जुलाई 2021 के प्रभाव से सभी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। इसके अलावा अतिथि शिक्षकों का मानदेय भी 50000 रुपया कर दिया गया है।
पंचम व षष्ठम वेतनमान वालों का डीए बढा
कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ता बढाने का जो प्रस्ताव पास हुआ है, उसके तहत पंचम केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार अपुनरीक्षित वेतनमान में वेतन-पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य सरकार के सरकारी सेवकों-पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को विगत 01 जुलाई 2021 के प्रभाव से 356 प्रतिशत के स्थान पर 368 प्रतिशत महंगाई भत्ता की स्वीकृति दी गयी है।
वही षष्ठम केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार अपुनरीक्षित वेतनमान में वेतन-पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य सरकार के सरकारी सेवकों-पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को विगत 01 जुलाई 2021 के प्रभाव से 189 प्रतिशत के स्थान पर 196 प्रतिशत महंगाई भत्ता की स्वीकृति मिली है।
सारण व वैशाली की कई एकड़ जमीन अब पटना की
वैशाली जिले के राघोपुर अंचल के सुकुमारपुर के 84 एकड़ रैयत और 230 एकड़ सरकारी अर्थात 331 एकड़ भूमि तथा सारण जिले के सोनपुर अंचल के सबलपुर और पहलेजा के 3212 एकड़ भूमि को पटना जिला प्रशासन के अधीन कर दिया गया है। इस तरह वैशाली और सारण जिले के कुल 3500 एकड़ भूमि का प्रशासनिय नियंत्रण अब पटना जिले के अधीन होगा। कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति दे दी है।
अतिथि शिक्षकों का मानदेय बढ़कर 50000
इंजनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में अतिथि शिक्षक के रूप में सेवा देने वालों को अब महीना में अधिकतम 50 हजार मानदेय मिलेंगे। राज्य कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति दे दी है। अब-तक इन्हें 35 हजार मानदेय मिलता था। ऐसे शिक्षकों की संख्या राज्य में करीब 500 होगी। वहीं अब अतिथि तकनीकी सहायक और कर्मशाला अनुदेशकों को 25 हजार मानदेय मिलेंगे।
इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के वीसी समेत अन्य पद सृजित
बिहार इंजिनियरिंग विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव समेत 32 पदों के सृजन की स्वीकृति राज्य कैबिनेट ने दे दी है। अब जल्द ही इन पदों पर नियुक्ति की जाएगी। कुलपति की नियुक्ति के बाद विश्वविद्यालय के संचालन की कवायत भी शुरू कर दी जाएगी।