MSP Kya Hai :कृषि कानून वापसी के बाद अब MSP चर्चा में,जानें क्या है यह और क्या है सरकार का रुख

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MSP Kya Hai : केंद्र सरकार द्वारा तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद भी किसान नेता अभी आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं दिख रहे। किसान नेता राकेश टिकैत का साफतौर से कहना है कि जब संसद से नए कृषि कानून खत्म कर दिए जाएंगे तब इसके बारे में सोचा जाएगा। साथ ही उन्होंने एमएसपी लागू करने सहित कुछ अन्य मांगें भी उठा दी हैं।

वैसे केंद्र सरकार के नए कृषि कानून वापस लेने के फैसले से किसान खुश तो हैं लेकिन अभी आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं हैं। किसान नेता इस बारे में औपचारिक अधिसूचना की एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।

सरकार ने पिछले साल लागू हुए तीन नए कृषि कानूनों (3 New Farm Laws) को वापस ले लिया है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया।

केंद्र सरकार सितंबर 2020 में 3 नए कृषि विधेयक लाई थी, जो संसद की मंजूरी और राष्ट्रपति की मुहर के बाद कानून बने। लेकिन किसानों को ये कानून रास नहीं आए और उन्होंने इनका विरोध करना शुरू कर दिया। 26 नवंबर 2020 से अनेकों किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डटकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

क्या होता है एमएसपी

एमएसपी जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है। मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) एक तरह से किसानों के फसल की मूल्य की गारंटी है। सरकार की ओर से किसानों को कुछ फसलों पर दाम की गारंटी दी जाती है जिसे एमएसपी कहा जाता है।

बाजार में फसल के दाम भले ही कितने ही कम क्यों न हो सरकार उसे किसानों से तय एमएसपी पर खरीदेगी। सरकार जिन फसलों को लेकर एमएसपी तय कर देती है उन फसलों को वो एक निर्धारित रेट पर ही खरीदती है। इससे किसानों को नुकसान होने की कम संभावना होती है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसी फसल का न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर सरकार, किसानों से खरीदती है। यह किसानों की उत्पादन लागत के कम-से-कम डेढ़ गुना अधिक होती है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि सरकार, किसान से खरीदी जाने वाली फसल पर उसे एमएसपी से नीचे भुगतान नहीं करेगी।

न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा सरकार की ओर से कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP)की सिफारिश पर साल में दो बार रबी और खरीफ के मौसम में की जाती है। गन्ने का समर्थन मूल्य गन्ना आयोग तय करता है।

किसी फसल की एमएसपी इसलिए तय की जाती है ताकि किसानों को किसी भी हालत में उनकी फसल का एक उच‍ित न्यूनतम मूल्य मिलता रहे।

किन फसलों पर लागू है MSP

सरकार फिलहाल 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करती है। इनमें अनाज की 7, दलहन की 5, तिलहन की 7 और 4 व्‍यावसायिक फसलों को शामिल किया गया है। धान, गेहूं, मक्का, जौ, बाजरा, चना, तुअर, मूंग, उड़द, मसूर, सरसों, सोयाबीन, सूरजमूखी, गन्ना, कपास, जूट आदि की फसलों के दाम सरकार तय करती है।

एमएसपी पर क्या है सरकार का रुख

पीएम मोदी ने कहा है कि शून्य बजट आधारित कृषि को बढ़ावा देने, देश की बदलती जरूरतों के अनुसार खेती के तौर-तरीकों को बदलने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक समिति गठित की जाएगी। इस समिति में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, किसानों के प्रतिनिधियों के साथ साथ कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री भी शामिल होंगे।