Bihar By-election : वादाखिलाफ भाजपा-जदयू की दोनों सीटों पर होगी करारी हार, CPIML महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने किया दावा

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Bihar By-election : भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार विधानसभा उपचुनाव(By-election) की दोनों सीटों पर भाजपा-जदयू की करारी हार (Defeat) का दावा किया है। पटना में दीपंकर (dipankar) ने कहा कि दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में अपनी हार देख नीतीश कुमार एक बार फिर अनाप-शनाप की बयानबाजी पर उतर आए हैं। उन्होंने कहा, “हम पंचायत चुनाव में हिंसा व प्रशासन का लगातार दुरूपयोग देख रहे हैं। लोगों की कहीं पुलिस की गोली से तो कहीं सामंती अपराधियों द्वारा हत्या हो रही है। पूरे राज्य में प्रशासन की मिलीभगत व संरक्षण में ही अपराध बढ़ रहा है”

दीपंकर भट्टाचार्य बुधवार, 27 अक्टूबर को पटना (Patna) में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।इस मौके पर माले के राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य अमर व फुलवारी विधायक गोपाल रविदास भी मौजूद थे।

दीपंकर ने कहा कि मोरियावां गोलीकांड में पुलिस को क्लीन चिट (Clean cheat) मिल गई। सिवान (Siwan) में बिझौल गांव के माले कार्यकर्ता दिनेश मांझी को गोली मार दी गई। उनके सर में 6 गोली लगी। उनको बचाया नहीं जा सका। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हत्याकांड का तात्कालिक कारण पंचायत चुनाव ही है। भाजपा-संघ पर आरोप लगाते हुए माले महासचिव ने कहा कि इसमें राजू सिंह के शागिर्द संजय मिश्रा का नाम सामने आ रहा है, जो मुखिया चुनाव लड़ रहे थे और हमारी पार्टी समर्थित उम्मीदवार से हार गए थे। इसके पहले इसी गिरोह ने दिनेश मांझी के लड़के का अपहरण 2019 में किया था, लेकिन वह आज भी छुट्टा घुम रहा है और मुकदमा वापसी का लगातार दबाव बना रहा था। दीपंकर ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि उन लोगों ने मिलकर ही दिनेश मांझी की हत्या की।

CPIML महासचिव ने कहा, “यह हिंसा व अपराध बिहार उपचुनाव में बड़े मुद्दे हैं। इसके अलावा 19 लाख रोजगार एक बड़ा मुद्दा है। विधानसभा चुनाव 2020 में अपनी हार देखते हुए भाजपा-जदयू ने 19 लाख रोजगार की बात की थी, लेकिन एक साल में कुछ नहीं हुआ। नौजवान जब रोजगार मांगते हैं तो नीतीश कुमार उन्हें देख लेने की धमकी देते हैं और अपने लोगों को हिंसा करने के लिए उकसाते हैं।”

कोरोनाकाल के दौरान हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड (Covid) के दौर में हुई मौतों का सवाल भी एक बड़ा सवाल है। हमारे पिटीशन पर हाइकोर्ट (High court) ने सरकार को दो महीने में जवाब देने को कहा है कि आखिर सभी लोगों को मुआवजा क्यों नहीं? महंगाई भी एक देशव्यापी सवाल है। आज खाने का तेल (Food Oil) 250 के पार चला गया है और पेट्रोल व डीजल ने सेंचुरी (century) पूरी कर ली है।

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि विगत 11 महीने से आंदोलनरत किसानों के प्रति भाजपा का रवैया हम देख रहे हैं। भाजपा मंत्री के पुत्र ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur kheeri) में किसानों को गाड़ी से कुचलकर मार दिया।
इसलिए यह उपचुनाव महज दो सीट पर उपचुनाव नहीं है, बल्कि मोदी व नीतीश सरकार से जवाब मांगने का है। उन्होंने कहा कि हमने राजद को दोनों जगहों पर समर्थन दिया है। हमारे साथी काम कर रहे हैं। नेताओं की टीम लगी हुई है। हम उपचुनाव में मोदी-नीतीश को सबक सिखाने और सत्ता पक्ष के उम्मीदवारों को करारी शिकस्त देने की अपील दोनों क्षेत्र की जनता से करते हैं।

केंद्र की मोदी सरकार ( Government) पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “आजादी के 75 साल में मोदी सरकार अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsava) कर रही है। ऐसा लगता है कि आजादी के आंदोलन के मंथन से जो अमृत निकला वह मोदी के हिस्से और जो विष निकला वह जनता के हिस्से। भाजपा, संघ तथा मोदी सरकार आजादी के आंदोलन के इतिहास को विकृत करते हुए चोर दरवाजे से अपने लोगों को स्वतंत्रता सेनानी बता रही है। सावरकर जिन्होंने 6- 6 बार माफी मांगी, उन्हें आईसीएचआर के पोस्टर में नेहरू की जगह स्थान दिया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि ये लोग एक तरफ गांधी (Gandhi) की बात करते हैं और दूसरी ओर उकने हत्यारे गोडसे की पूजा कर रहे हैं। यह जो मजाक चल रहा है, इसके खिलाफ बिहार व पूरे देश में जनता को अपने इतिहास को लेकर सामने आना है। स्वतंत्रता आंदोलन में कम्युनिस्ट, समाजवादी, कांग्रेस, भगत सिंह, गांधी-नेहरू, मौलाना आजाद अर्थात ये सारी धारायें शामिल थीं। इसे लेकर हमें आगे बढ़ना है।

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा, “आज आजादी के आंदोलन के सपने व मूल्यों की हत्या हो रही है। इसलिए हमने बटुकेश्वर दत्त के जन्म दिन 18 नवंबर को एक बड़े कार्यक्रम से इस अभियान की शुरूआत का निर्णय किया है। आाजदी के 75 साल पर धारावाहिक कंपेन चलेगा. 1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम हो, 1942 का जनांदोलन अथवा अंडमान के जेल में अपनी पूरी जिंदगी गुजार देने वाले सेनानियों की बात, सबों को याद करना है और भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करते हुए जनता के बीच आजादी के आंदोलन के सच को ले जाना है। गांधी हत्या करने वाले गोडसे संघ परिवार के हैं, जबकि चंपारण में उनकी जिंदगी बचाने वाले बत्तख मियां हमारे प्रतीक हैं। देश का बंटवारा दुखद था। इसको एकमात्र कारण बताकर भाजपा द्वारा मुस्लिम समुदाय को टारगेट करने के खिलाफ आजादी के आंदोलन की साझी संस्कृति व साझी विरासत को आगे ले चलना है।

जम्मू कश्मीर की हालिया घटनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल (domicile) का सब्जबाग दिखाकर मोदी सरकार ने धारा 370 (Article 370) खत्म कर दिया, लेकिन आज वहां आज बिहार के मजदूरों (Labours) की हत्या की जा रही है। वे भारी असुरक्षा में हैं। इसका जवाब मोदी व अमित शाह को देना होगा। आज पूरे देश व बिहार (Bihar) में आंदोलन में तेज होगा।

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