Mayawati : अब ‘हिंदुत्व’ के एजेंडे की ओर बढ़ रहे मायावती के कदम

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Political News : कुछ दिन पहले बुद्धिजीवी वर्ग सम्मेलन के नाम पर ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश कर चुकीं बीएसपी प्रमुख मायावती अब हिंदुत्व की राह पर बढ़तीं दिख रहीं हैं। इन बुद्धिजीवी वर्ग सम्मेलनों में वैदिक मंत्रोच्चार से लेकर जय श्रीराम और जय परशुराम के नारे लगवा चुकी मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी वर्तमान राजनीतिक ट्रेंड में ढलती दिख रही है और अब खुलकर हिंदुत्व की राह पर बढ़ती नजर आ रही है। यह तथ्य अब गौण हो रहा है कि कभी बहुजनों, दलितों-वंचितों के नाम पर कांशीराम ने पार्टी की स्थापना की थी।

मायावती के हालिया भाषणों पर अगर गौर किया जाय तो इस बात में कोई शंका नहीं रह जाती। ज्यादा दूर न जाएं तो एक दिन पहले शनिवार, 10 अक्टूबर 2021 को ही मायावती ने कहा है, “बसपा की सरकार बनने पर अयोध्या, काशी और मथुरा में विकास कार्य पूरे कराए जाएंगे।” देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के दर्जनों पिछड़े जिलों को छोड़ अयोध्या, मथुरा और काशी के विकास कार्यों को पूरा किए जाने का वादा सारी कहानी खुद कह जाता है। अयोध्या राम मंदिर हिंदूवादी कही जाने वाली बीजेपी का प्रमुख मुद्दा रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब गाहे-बगाहे मथुरा और काशी का मुद्दा भी छेड़ा जा रहा है। मायावती के उक्त भाषण में अंतर्निहित तथ्य सीधा संकेत हैं कि बसपा की आगे की राजनीति बीजेपी की तरह हिंदुत्व के एजेंडे की ओर बढ़ रही है।

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बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने पहले बड़े सार्वजनिक संबोधन में कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो वह केंद्र और पिछली राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं (अगर इससे लोगों को लाभ होता है) को राजनीतिक बदले की भावना से समाप्त नहीं करेगी और अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे धार्मिक शहरों में भाजपा द्वारा शुरू किए गए कार्य पूरे होंगे।

मायावती ने कहा कि यूपी की जनता बीएसपी की सत्ता को याद कर रही है। यूपी में सपा बीजेपी की सरकारों में जनता परेशान है। छोटी-छोटी पार्टियों का गठबंधन सिर्फ सत्ताधारी दल को फायदा पहुंचाने के लिए। सपा का नाम लिए बिना कहा कि एक पार्टी ऐसी है जो दूसरी पार्टी की स्वार्थी लोगों को शामिल करा रही है। मायावती ने कहा कि चुनाव घोषित होने से वोट पड़ने तक बीएसपी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास। झूठे सर्वे के जरिए बीएसपी को नुकसान पहुचाने का प्रयास है। बीजेपी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। हिन्दू- मुस्लिम के साम्प्रदायिक दंगे कराए जा सकते हैं। बीजेपी इस चुनाव में धन्नासेठों से बड़ा खर्च कराने वाली है।

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बता दें कि कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जय श्रीराम-जय परशुराम व हर हर महादेव के जयकारों के बीच BSP के प्रबुद्ध सम्मेलन का समापन हुआ। समापन कार्यक्रम में BSP प्रमुख मायावती ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कई वादे किए, जिसमें सरकार बनने पर ब्राह्मणों को संपूर्ण सुरक्षा व सहभागिता, नई मूर्तियां- प्रतिमाएं ना लगाना, नए कृषि कानूनों को लागू ना होने देने आदि के वादे किए। मायावती ने दावा किया कि प्रबुद्ध वर्ग की मदद से पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। मायावती ने कहा कि सरकार बनने पर 2007 की तरह ही ब्राह्मण समाज की सुरक्षा, सम्मान और तरक्की का ध्यान रखा जाएगा।

प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के पहले चरण के समापन में मायावती के संबोधन से पहले जय श्री राम और जय परशुराम के नारे लगाए गए। इसके साथ-साथ पार्टी का पुराना नारा, ‘हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा, विष्णु,महेश है‘, का नारा भी लगाया गया। मायावती ने कहा, “बीएसपी ने ब्राह्मण समाज का हमेशा कल्याण किया है। उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध किसी के बहकावे में न आए।”

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