Lakhimpur Kheri Violence: CM योगी की खरी-खरी- सिर्फ आरोप पर किसी की गिरफ्तारी संभव नहीं

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Lakhimpur Kheri Violence : लखीमपुर खीरी में उपद्रव के बाद भड़की हिंसा में चार किसान, एक पत्रकार तथा तीन की अन्य की मृत्यु के मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सरकार की स्थिति स्पष्ट कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना सुबूत के सिर्फ आरोप पर तो हम किसी की गिरफ्तारी नहीं करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रख रहे थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना में केन्द्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के पुत्र आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) का अभी तक हाथ होने का कोई भी साक्ष्य सामने नहीं आया है। हम बिना सबूत सिर्फ आरोप पर किसी की गिरफ्तारी नहीं करेंगे।

लखीमपुर खीरी की हिंसा पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इसकी गहन पड़ताल कर इसकी तह तक जा रही है। लोकतंत्र में हिंसा की जगह नहीं है। चाहे वह कोई भी हो कानून सबके लिए समान है, कानून सबके साथ समान रूप से व्यवहार भी करेगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। उत्तर प्रदेश में किसी के दबाव में कोई काम नहीं होगा। इस केस में पुलिस की ओर से एक एसआईटी और ज्यूडिशियल कमीशन गठित किया गया है। हम तो मामले की तह तक जाएंगे। वहां पर वांछितों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है। कल कई गिरफ्तारियां हुई हैं, आज भी कार्रवाई जारी है। इस पूरे मामले में निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई होगी।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की यह रूलिंग भी है कि गिरफ्तारी से पहले पर्याप्त साक्ष्य भी होने चाहिए। हम किसी को भी सिर्फ आरोप पर गिरफ्तार नहीं करेंगे। हमने साक्ष्य मिलने के बाद सभी की गिरफ्तारी की है चाहे वह भाजपा का विधायक हो या विपक्ष का कोई नेता।

लखीमपुर खीरी में हिंसा में आठ लोगों की मृत्यु के बाद कांग्रेस सहित विपक्ष के तमाम नेताओं का आरोप है कि उन्हें लखीमपुर जाने से रोका गया। विपक्ष के नेताओं के पहुंचने से पहले सरकार तमाम सुबूत मिटाने में लगी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी आरोप बेकार है। हमने तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज की। विपक्ष के जो भी लोग थे यह कोई सद्भावना के दूत नहीं थे। अब तो इसकी एक बार पूरी जांच हो जाने दीजिए, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।

उन्होंने कहा -यह सभी दुर्भावना के चलते वहां आपसी वर्ग संघर्ष पैदा करना चाहते थे। हम ऐसा नहीं होने देंगे। वहां के पीडि़त परिवारों ने स्वयं कहा कि वह सरकार से संतुष्ट हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपना प्रदेश तो संभाल नहीं पा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कुछ किसान पुलिस की गोली से मारे गए, उनके प्रति उनकी कोई सहानुभूति नहीं है। चाकरी करनी है तो लखीमपुर चले आए।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका से मैं पूछना चाहता हूं कि मार्च 2020 से देश कोरोना से त्रस्त है। 24 से 25 करोड़ की आबादी उत्तर प्रदेश में रहती है। मैं पूछना चाहता हूं कांग्रेस, सपा, बसपा के नेता जो आज पॉलिटिकल टूर कर रहे हैं, इनमें से कितने नेता उस समय बाहर निकले थे। कोरोना कालखंड में इनमें से किसी के दर्शन नहीं हुए। उत्तर प्रदेश में जब हर व्यक्ति जूझ रहा था तब केन्द्र और प्रदेश की सरकार उनके साथ थी। मार्च 2020 से अक्टूबर 2021 तक यही स्थिति थी।

source-Dainik jagaran

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