Lalu Yadav : (बिहारी खबर)। लालू प्रसाद को दिल्ली में कैद कर लिया गया है। जी हां, यह हम नहीं कह रहे बल्कि, यह सनसनीखेज आरोप लालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेजप्रताप यादव ने खुद लगाया है। पार्टी और परिवार दोनों से नाराज चल रहे तेजप्रताप ने शनिवार को यह कहकर बिहार में राजनीतिक भूचाल ला दिया है।
वैसे लालू परिवार और उनकी पार्टी में अंदरूनी जंग काफी पहले से चल रही है और उनके बड़े पुत्र वक्त-बेवक्त ऐसी ही बातें कह कर धमाका कर दे रहे हैं। बताया जाता है कि लालू प्रसाद फिलहाल अपनी बड़ी पुत्री व राज्यसभा सांसद मीसा भारती के दिल्ली स्थित आवास पर स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं लेकिन इस बीच तेजप्रताप यादव ने यह बड़ा आरोप लगा दिया है।
तेजप्रताप के इस बयान से एक बात तो साफ हो गया है कि महीनों पहले लालू परिवार और उनकी पार्टी राजद में छिड़ी जंग अब आखिरी मुकाम पर पहुंच गई है। तेजप्रताप ने शनिवार को कई सियासी बम फोड़े। उन्होंने युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष कारी सोहैब के ऊपर भी एक्सटॉर्शन यानी जबरन वसूली के गंभीर आरोप लगाए।
Also Read – लालू परिवार में ‘कलह की जन्माष्टमी,’ बड़े बेटे के लगाए पोस्टर से छोटे ‘आउट’
यही नहीं, बल्कि उन्होंने कारी सोहैब की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सार्वजनिक रूप से सुनाया। वहीं लालू-राबडी के बडे बेटे तेजप्रताप ने शनिवार को तेजस्वी यादव पर सबसे बड़ा हमला बोल दिया। तेजप्रताप यादव ने कहा कि लालू यादव को बंधक बनाकर दिल्ली में रखा गया है, उन्हें पटना नहीं आने दिया जा रहा है।
बिहार के हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव ने अपरोक्ष रूप से अपने अनुज व बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं उनका सपना पूरा नहीं होने देंगे।
बता दें कि तेजप्रताप यादव के करीबी आकाश यादव की छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष पद से छुट्टी के बाद उन्होंने अपना अलग संगठन बना लिया है। ‘छात्र जनशक्ति परिषद’ नाम के इस संगठन का उन्होंने शनिवार को प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया था।
तेजप्रताप ने उसी शिविर में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे पिताजी दिल्ली में हैं। हमने पिता जी से बात किया, हमारे साथ चलिये पटना। हम साथ साथ रहेंगे। आप आइये देखिये। वो रहते थे तो हमारे घर का दरवाजा खुला रहता था वो आउटहाउस में बैठे रहते थे और महान जनता से मिलने जुलने का काम करते थे। कुछ लोगों ने क्या किया..जनता से मिलने के लिए रस्सा बंधवाया। जनता हमसे दूर रहे। वाह जी वाह..हमारे पिता को आने नहीं दे रहे हैं। बंधक बना कर रखे हैं दिल्ली में।”
बिना नाम लिए अपने अनुज तेजस्वी यादव पर प्रहार करते हुए तेजप्रताप ने अपने समर्थकों के बीच कहा कि कुछ लोगों ने राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख लिया है। वो कौन लोग हैं उन्हें सब जानता है। उनका नाम लेने की जरूरत नहीं है। पिता जी को जेल से आये हुए महीना भर, साल भर हो गया है। वही लोग हमारे पिता जी को दिल्ली में ही रोक कर रखा है। तेजप्रताप यादव ने कहा कि ऐसे लोगों का सपना वे पूरा नहीं होने देंगे।
बता दें कि कुछ दिन पहले तेजप्रताप ने तेजस्वी यादव के निजी सचिव संजय यादव पर हमला बोला था। उन्होंने दोनों भाइयों के बीच खटपट कराने के लिए सीधे तौर पर उन्हीं को जिम्मेदार ठहराते हुए यहां तक आरोप लगा दिया था कि उनकी हत्या कराई जा सकती है।
तेजप्रताप यादव ने प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी में जो काम हो रहा है उससे संगठन बढ़ेगा नहीं बल्कि टूट जायेगा। ऐसे काम नहीं चलने वाला है। तेजप्रताप बोले, मेरे पिता जी अस्वस्थ चल रहे हैं इसलिए हम कोई प्रेशर नहीं देना चाहते हैं किसी तरह का। वे बीमारी से जूझ रहे हैं। कुछ लोग इसका नाजायज फायदा उठा रहे हैं।
वैसे तेजप्रताप यादव के आज के भाषण के बाद एक बात तो साफ हो गया है कि लालू परिवार की ल़ड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गयी है। बता दें कि तेजप्रताप यादव ने वैसे भी महीने भर से ज्यादा समय से राजद से दूरी बना ली है। उससे पहले उन्होंने तेजस्वी यादव से लेकर उनके खास संजय यादव और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर बेहद तीखा हमला बोला था।
तेजप्रताप इस बात से खफा थे कि उनके खास और छात्र राजद के अध्यक्ष आकाश यादव को पद से हटा दिया गया था। मामला सिर्फ पद से हटाने का नहीं था बल्कि तेजप्रताप लंबे समय से छात्र राजद का काम देख रहे थे और उन्हें इससे बेदखल कर दिया गया था। यूं कहें कि एक तरह से पार्टी से उन्हें पूरी तरह आउट कर दिया गया था।
Also Read – राजद में चल रहा सत्ता संघर्ष,आखिर तेज-तेजस्वी क्यों हैं आमने-सामने?
बता दें कि पार्टी में यह घमासान छिड़ने के बाद पिछले महीने तेजप्रताप दिल्ली भी गए थे। वहां जाकर वे लालू प्रसाद से मिले थे। खबर है कि लालू प्रसाद ने उन्हें शांत रहने को कहा तो तेजप्रताप ने अपना एक नया संगठन छात्र जनशक्ति परिषद बना लिया था। इस दौरान तेजप्रताप ने राजद की किसी बैठक या कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया। वैसे इससे पहले ही राजद के तमाम पोस्टर-बैनर से उन्हें आउट कर दिया गया था।
राजद से जुड़े लोग बता रहे हैं कि तेजप्रताप यादव अब निर्णायक लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। हालांकि लालू प्रसाद यादव के दबाव में वे थोड़े नरम पड़ जा रहे हैं लेकिन उन्होंने तेजस्वी को अर्जुन और खुद को कृष्ण बताना भी अब छोड दिया है। तेजप्रताप के करीबी बताते हैं कि वे अब खुद अर्जुन बनना चाहते हैं।
हालांकि राजद का कोई विधायक या बड़ा नेता फिलहाल तेजप्रताप के साथ नहीं है। लिहाजा उन्होंने अभी अपना अलग संगठन बना लिया है। राजनीतिक पार्टी की तरह उन्होंने इसका रजिस्ट्रेशन से लेकर सिंबल तक रजिस्टर्ड कराया है। तेजप्रताप फिलहाल इसी संगठन के सहारे अपनी सियासी लड़ाई शुरू करेंगे।