Shivsena Owaisi: शिवसेना ने ओवैसी को बता दिया BJP का ‘अंडरगारमेंट’, बोले-कट्टरता नहीं करते तो बिहार में होती तेजस्वी की सरकार

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Shivsena Owaisi : शिवसेना ने सोमवार को आरोप लगाया कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी देश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सफल यात्रा के परदे के पीछे के सूत्रधार हैं। इतना ही नहीं, शिवसेना ने ओवैसी को बीजेपी का “अंडरगारमेंट” करार दिया है।

सामना में शिवसेना ने कहा, “दो दिन पहले, प्रयागराज से लखनऊ जाते समय रास्ते में ओवैसी के समर्थक जमा हो गए और उन्होंने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। बीते दिनों उत्तर प्रदेश में ऐसे मामले सामने नहीं आए। अब राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। ओवैसी पहुंचे हैं। वह भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। अपने निरंकुश समर्थकों को भड़काते हैं और फिर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाया जाता है।”

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पार्टी ने आगे दावा किया कि एआईएमआईएम प्रमुख ने पश्चिम बंगाल और बिहार में पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान समान सांप्रदायिक विभाजन करने की कोशिश की थी। संपादकीय में आगे कहा, “अगर ओवैसी कट्टरता पर नहीं कूदे होते तो बिहार में सत्ता की कमान तेजस्वी यादव के हाथ में होती। लेकिन एक बार इस व्यापारिक नीति ने वोट बांटने और कट्टरता का सहारा लेकर जीत हासिल करने का फैसला किया, तो क्या किया जा सकता है!”

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी से पूछा कि क्या सत्ताधारी पार्टी की राजनीति बिना पाकिस्तान का नाम लिए आगे नहीं बढ़ सकती। शिवसेना ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी की सफल यात्रा के परदे के पीछे के सूत्रधार असदुद्दीन ओवैसी हैं। यही कारण है कि उनकी पार्टी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। राज्य में जाति और धार्मिक दुश्मनी पैदा करने की पूरी तैयारी है।”

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सामना के संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है, ”मुसलमान इस देश के नागरिक हैं और उन्हें देश के संविधान का पालन करते हुए ही अपना मार्ग बनाना चाहिए। ऐसा कहने की हिम्मत जिस दिन ओवैसी में आएगी, उस दिन ओवैसी को राष्ट्र नेता के रूप में प्रतिष्ठा मिलेगी, अन्यथा भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी के अंतरवस्त्र के रूप में ही उनकी ओर देखा जाएगा। ओवैसी राष्ट्रभक्त ही हैं। जिन्ना की तरह उच्च शिक्षित, कानून पंडित हैं, परंतु उसी जिन्ना ने राष्ट्रभक्ति का बुर्खा ओढ़कर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा दिया था।”

शिवसेना ने आगे कहा, “देश के विभाजन की यह साजिश थी और उसके पीछे ब्रिटिशों की तोड़ो-फोड़ो और राज करो, यही नीति थी। आज ओवैसी की सभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लग रहे हैं। इसके पीछे भी राजनीतिक सूत्र है ही। फोड़ो-तोड़ो और जीत हासिल करो। ओवैसी को भी इसी जीत का सूत्रधार मानकर इस्तेमाल किया जा रहा है। पाकिस्तान का इस्तेमाल किए बगैर भाजपा की राजनीति आगे नहीं बढ़ेगी क्या?”