Bihar News: नल जल योजना के तहत बिहार के डिप्टी CM तारकिशोर प्रसाद के परिवार व रिश्तेदारों को मिल गया 53 करोड़ का ठेका !

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Bihar News: (पटना)। बिहार में वैसे तो भ्रष्टाचार के अनेकों किस्से मौजूद हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट व राज्य में चल रही नल जल योजना को लेकर भी अक्सर मामले सामने आते रहते हैं। हालांकि, वे स्थानीय लेबल के ही होते रहे हैं।

वहीं, नल जल योजना में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के परिवार से जुड़े लोगों को 53 करोड़ के ठीके इस योजना के तहत दिए जाने का मामला सामने आया है। हालांकि, डिप्टी सीएम ने इसे लेकर सफाई भी दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा, “कटिहार में कुल 2800 यूनिट हैं। मेरे परिवार के सदस्यों को सिर्फ चार मिली हैं। बिजनेस करने में कुछ गलत नहीं।’

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस स्कीम से जरूरतमंदों को टंकी से पानी तो मिला, लेकिन साथ ही साथ इसके जरिए बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर (Tarkishore Prasad) के परिवार, सहयोगियों को 53 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट भी मिले।
नेताओं के रिश्तेदारों को इस तरह राजनीतिक संरक्षण मिलना नीतीश कुमार के गुड गर्वनेंस के दावे पर भी पानी फेरता है।

खबर के मुताबिक, कॉन्ट्रैक्ट के जरिए फायदा लेने वाली लिस्ट में सबसे पहला नाम भाजपा विधायक दल के नेता और बिहार डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद का आता है। इसके अलावा लिस्ट में प्रदेश के JDU और बीजेपी के कुछ और नेता भी हैं।

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करीब पांच साल पहले शुरू हुई इस योजना को अबतक काफी सफल रहने का दावा किया जाता है। 1.08 लाख पंचायत वॉर्ड तक इसे पहुंचाने का टारगेट था, जिसका 95 फीसदी कवर होने का दावा है।
खबर के मुताबिक, रिकॉर्ड में पाया गया कि PHED ने 2019-20 में कटिहार जिले की 9 पंचायतों के अलग-अलग वॉर्ड में स्कीम के 36 प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी। कटिहार से ही डिप्टी सीएम चार बार विधायक रहे हैं। ये प्रोजेक्ट जिन कंपनियों को दिए गए उनमें से एक उनके बेटे की बहू पूजा कुमारी, दो साले प्रदीप कुमार भगत से जुड़ी हैं। इतना ही नहीं कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने वाली कुछ कंपनियां उनके करीबी प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार से संबंधित हैं।

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खासकर पूजा कुमारी की कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट मिलने पर सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि कुछ अधिकारियों ने बताया है कि उनकी कंपनी को इस फील्ड के काम का कोई अनुभव भी नहीं था।

बिहार में चलाई जा रही ‘हर घर नल का जल’ योजना से जुड़े 20 जिलों के दस्तावेज देखे गए. इनको रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (RoC) और बिहार पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (PHED) के रिकॉर्ड से मिलाकर देखा गया. PHED पर इस स्कीम को लागू कराने का जिम्मा था. इसमें पंचायती राज और शहरी विकास विभाग को उसका साथ देना था.

वहीं, डिप्टी सीएम ने इसे लेकर सफाई भी दी है। उन्होंने कहा, “कटिहार में कुल 2800 यूनिट हैं। मेरे परिवार के सदस्यों को सिर्फ चार मिली हैं। बिजनेस करने में कुछ गलत नहीं। जब डिप्टी सीएम से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मामले में किसी तरह राजनीतिक संरक्षण नहीं दिया गया। वह बोले कि कॉन्ट्रेक्ट मिलने के वक्त वह कटिहार से सांसद थे और डिप्टी सीएम बाद में नवंबर 2020 में बने थे। तारकिशोर ने कहा कि कंपनियों से सीधे तौर पर उनका कोई लिंक नहीं है।