झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरे के आबंटन पर बवाल, अब बीजेपी मंदिर बनाने की मांग के साथ कर रही भजन-कीर्तन

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रांची। झारखंड विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए अगल से एक कमरा अलॉट किया गया है। इस मामले पर राज्य की सियासत में उबाल है। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के आदेश से कमरा नंबर TW-348 को नमाज के लिए आवंटित किया गया है। स्पीकर के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी लगातार विरोध जता रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी के सीनियर नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर को लोकतंत्र का मंदिर ही रहने देना चाहिए। अगल से नमाज अदा करने के लिए कमरे काअलॉटमेंट गलत है। हम इस फैसले के खिलाफ हैं।

वहीं, बीजेपी के रांची से विधायक सीपी सिंह ने बहुसंख्यक विधायकों की भावना का ख्याल रखते हुए मंदिर निर्माण की मांग कर डाली। इस बीच झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए अलॉट किए गए कमरे को लेकर पनपे विवाद पर सोमवार (छह सितंबर, 2021) को हंगामा देखने को मिला।
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के नमाज कक्ष के फैसले के बाद से विधानसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला है। बीजेपी विधायकों ने नमाज के लिए कमरा आवंटित करने के खिलाफ सोमवार को विधानसभा के मेन गेट पर भजन कीर्तन किया। सत्र से पहले विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे मुद्दा बनाते हुए विस के प्रवेश द्वार के पास सीढ़ियों पर बैठकर हनुमान चालीसा और “हरे राम” का पाठ किया, जबकि कार्यवाही के दौरान सदन के वेल में जाकर बाद में जयश्री राम के नारे भी लगाए।

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के पहले विपक्षी विधायकों ने नियोजन नीति और भाषा, रोजगार, विधि व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन भी किया।

इस दौरान बीजेपी नेताओं ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उधर, झारखंड कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि नमाज के लिए कमरा आवंटित करने का फैसला पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के समय से ही लिया गया था। बिहार में भी नमाज अदा करने के लिए कमरा आवंटित है और अगर वहां बीजेपी नेता इस तरह की राजनीति करते हैं तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें बाहर का रास्ता दिखा देंगे।

बता दें कि हंगामा जारी रहने पर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने रविवार को इस फैसले के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री सोरेन और स्पीकर का पुतला फूंका था।