तालिबानियों की तुलना बाल्मीकि से कर बुरे फंसे शायर मुनव्वर राना, SC-ST ऐक्ट समेत गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ केस

उत्तरप्रदेश ताज़ा खबर राष्ट्रीय
SHARE

लखनऊ। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद शायर मुनव्वर राना के बयानों पर पहले तो विवाद खड़ा हुआ और अब उनके ऐसे ही एक बयान को लेकर यूपी में उनके विरुद्ध केस दर्ज हो गया है। मुनव्वर राना द्वारा एक टीवी डिबेट में तालिबानियों की तुलना वाल्मीकि से करने पर उनके खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में यह मुकदमा दर्ज किया गया है। इसे लेकर मुनव्वर राना के विरुद्ध एससी एसटी ऐक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है।

राना पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने, समुदायों के बीच नफरत फैलाने और एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मुनव्वर राना ने गुरुवार को एक चैनल से बातचीत में तालिबानियों की तुलना महर्षि वाल्मीकि से की थी।

मुनव्वर राना के इस बयान के बाद दलित संगठन डॉक्टर आंबेडकर महासभा ने इसे दलितों का अपमान बताते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए हजरतगंज कोतवाली में तहरीर दी थी। डा. आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष और उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि मुनव्वर राना की टिप्पणी से दलितों में उबाल है।

उन्होंने कहा कि दलित खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। तहरीर में अमरनाथ प्रजापति और पीएल भारती ने कहा है कि मुनव्वर राना ने भगवान वाल्मीकि की तुलना तालिबानियों से करके देश के करोड़ों दलितों का अपमान किया है और हिन्दू आस्था को चोट पहुंचाई है।

बता दें कि इससे पहले भी मुनव्वर राना के एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। राना ने तब कहा था, “जितनी क्रूरता अफगानिस्तान में है, उससे ज्यादा क्रूरता तो हमारे यहां पर ही है। पहले रामराज था लेकिन अब सब बदलकर कामराज है। कहा कि जितनी एके-47 उनके पास नहीं होंगी, उतनी तो हिन्दुस्तान में माफियाओं के पास हैं। तालिबानी तो हथियार छीनकर और मांगकर लाते हैं लेकिन हमारे यहां माफिया खरीदते हैं। उत्तर प्रदेश में भी थोड़े बहुत तालिबानी हैं, यहां सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि हिंदू तालिबानी भी होते हैं।”

राना के जिस बयान को लेकर हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज हुआ है, आरोप है कि वो बातें उन्होंने टीवी चैनल न्यूज नेशन के एक डिबेट में कहीं हैं। टीवी चैनल न्यूज नेशन से बातचीत में मुनव्वर राना ने कहा, “अगर वाल्मीकि रामायण लिख देते हैं तो देवता हो जाते हैं, उससे पहले वह डाकू होते हैं। इंसान का किरदार और इंसान का कैरेक्टर बदलता रहता है। हमें आज अफगानी अच्छे लगते हैं, दस साल बाद वह वाल्मीकि होंगे।”

मुनव्वर राना ने आगे कहा कि आप उन्हें भगवान कह रहे हैं। आपके मजहब (हिन्दू धर्म) में किसी को भी भगवान कह दिया जाता है। वाल्मीकि एक लेखक थे। उनका जो किरदार था, उसे अदा किया। उन्होंने रामायण लिखकर बड़ा काम किया।