मिर्जापुर। मिर्जापुर जनपद के चुनार कोतवाली क्षेत्र के लोवर लाइंस स्थित कांशीराम आवास में रहने वाले एक युवक ने पारिवारिक कलह, गरीबी, आर्थिक तंगी एवं लिए गए लोन के पैसों की भरपाई न होने के चलते 17 अगस्त को अपने चार मासूम बच्चों को भोजन में विषाक्त पदार्थ मिलाकर देने के बाद स्वयं भी उसका सेवन कर लिया।
कुछ देर बाद सभी की तबीयत बिगड़ने लगी तो पास पड़ोस के लोगों ने आनन-फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चुनार पहुंचाया, जहां स्थिति गंभीर देख चिकित्सक ने सभी को मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया। वहां पहुंचने पर चिकित्सक ने पिता राजेश और बेटे विजय व बेटी सुमन को देखने के बाद मृत घोषित कर दिया है, जबकि दो बच्चों को गंभीर अवस्था में भर्ती कर लिया। जिन्हें बाद में ट्रामा सेंटर वाराणसी रेफर कर दिया गया।
युवक ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया यह पता नहीं चल सका, लेकिन आस पड़ोस वालों का कहना था कि घर में अक्सर पति-पत्नी में गृहक्लेश होता था। वहीं दूसरी तरफ राजेश के कर्ज में डूबने की भी बात कही जा रही है। चुनार के कांशीराम आवास लोवर लाइंस में अपने परिवार के साथ रहने वाला 35 वर्षीय राजेश पुत्र बिहारी राजमिस्त्री बताया जाता है। वह मेहनत मजदूरी कर घर परिवार का भरण पोषण करता है, जबकि उसकी पत्नी गीता भी लोगों के घरों में घरेलू काम कर जीविकोपार्जन में पति का हाथ बंटाती है।
पड़ोसियों की मानें तो अक्सर दोनों में कहासुनी होती थी। 17 अगस्त को दोपहर में गीता अपने काम से गई थी और घर में चारों बच्चे साधना (9) विजय (8), सुमन (6) व धीरज (5) अपने पिता के साथ थे। इसी दौरान राजेश ने दाल-चावल में विषाक्त पदार्थ मिलाकर पहले बच्चों को खिला दिया, फिर खुद भी खा लिया। कुछ देर बाद जब सभी की हालत बिगड़ने लगी तो बच्चे शोर मचाने लगे। शोरगुल सुनकर पास पड़ोस के लोग पहुंचे तो राजेश ने सभी को जहर देने की बात कही। यह सुन सभी हैरान हो गए।
सभी को पड़ोसियों द्वारा आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुनार लाया गया, जहांं से सभी की हालत गंभीर देख मंडलीय चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया था। अस्पताल पहुंचने पर पिता राजेश, बेटे विजय को चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया, जबकि सुमन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। साधना व धीरज की हालत नाजुक थी, जिन्हें वाराणसी ट्रामा सेंटर क लिए रेफर कर दिया गया।
घटना की जानकारी होने पर जिला अस्पताल जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार, पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने भी पहुंचकर मौका मुआयना किया। घटना की वजह पाारिवारिक कलह और आर्थिक तंगी को माना जा रहा है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने कुछ भी कहने से इनकार किया।
उन्होंने कहा कि जांच पड़ताल केे बाात ही कुछ कह पाना संभव होगा, वहीं दूसरी ओर मृतक राजेश की पत्नी गीता ने ₹2 लाख लोन लिए जाने की बात स्वीकार की। मंडलीय अस्पताल में उसने रोते बिलखते हुए मीडिया को बताया है कि उसके पति ₹2 लाख प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से लोन लिए हुए थे, जिसकी वसूली के लिए कंपनी के लोग अक्सर उसके घर पर आकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया करते थे। इसी बात को लेकर राजेश चिड़चिड़े रहने लगे और उसके साथ मारपीट किया करता था। पत्नी गीता की माने तो सोमवार 16 अगस्त को भी कंपनी के लोग वसूली के लिए आए थे, जो पैसा जमा ना करने पर धमकी देकर गए थे।
ससुराल में परिवार के साथ रहता था मृतक राजेश
गरीबी व कर्ज में डूबे मृतक राजेश कुमार पुत्र बिहारी मूल रूप से पड़ोसी जनपद चंदौली के लौंदा, झांसी गांव का रहने वाला था, जो ससुराल में अपने बीवी बच्चों के साथ रहकर मेहनत मजदूरी करता था, जबकि पत्नी घर में चौका बर्तन का काम किया करती थी। लॉकडाउन में काम प्रभावित होने के कारण उसने कुछ फाइनेंस कंपनियों से लाखों का कर्ज ले रखा था, ऊपर से शराब का आदमी राजेश नियमित शराब पीने का शौक रखता था। ऐसे में काम न मिलने और परिवार का सही ढंग से करना चलने तथा कर्ज की रकम की भरपाई भी न होने के कारण व आर्थिक तंगी के साथ-साथ मानसिक रूप से परेशान होने के साथ साथ वह चिड़चिड़ा हो गया था
राजेश अक्सर पत्नी के साथ मारपीट किया करता था। इस घटना से 1 दिन पहले सोमवार 16 अगस्त को कंपनी के लोगों द्वारा जल्द से जल्द लोन जमा करने का दिया गया दबाव उसके लिए असहनीय हो गया था आशंका जताई जा रही है कि समोसा उन्हें धमकियों और उनकी रोज-रोज की मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर उसने अपनी व परिवार की जीवन लीला समाप्त कर लेने की ठान ली और खाने में जहर देकर अपने और बच्चों को भी खिला दिया था।
कहां से आया जहर?
कर्ज में डूबे पिता द्वारा खाने में जहर देकर अपने वह बच्चे को मारने के प्रयास में खुद व दो बच्चों की मौत का जिम्मेदार बन इस दुनिया से विदा हो चुके राजेश के परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है, तो वहीं यह एक अबूझ पहेली बनी हुई है कि आखिरकार उसने जहर कहां से लाया कैसे प्राप्त हुआ यह रहस्य बना हुआ है। मीडिया द्वारा इस संदर्भ में अस्पताल में उपस्थित जिले के आला अधिकारियों से सवाल दागा गया तो वह भी अनुत्तरित नजर आए। इस सवाल का जवाब उनके पास भी नहीं था, सभी ने बस एक टका सा जवाब दिया कि जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
पति और दो बच्चों की मौत से विक्षिप्त हो उठी है गीता
पति सहित दो बच्चों की मौत व दो बच्चों के गंभीर होने की दशा में गीता का रो-रोकर जहां बुरा हाल हो उठा है, वहीं उसकी हालत विक्षिप्तोंं जैसी हो गई है। उसे संभालने के लिए उसकी मां को भी उसे संभाल पाना भारी पड़ रहा था। वह रो रोकर बेहोश हो जा रही थी। अल्प समय में ही सर से पति का साया उठ जाने तथा आंखों के सामने दो मासूम बच्चों की मौत हो जाने से वह बेसुध हो जा रही थी।