नदी में समाती जा रही प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत बनी सड़क, दिक्कत झेल रहे ग्रामीणों में पनप रहा आक्रोश

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छपरा। प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत सड़क तो बन गई लेकिन कुछ ही समय बाद यह सड़क नदी में समाती जा रही है। वैसे विभिन्न योजनाओं के तहत सड़कें तो बन जाती हैं लेकिन उनकी देखभाल और क्षतिग्रस्त होने पर समय से मरम्मती नहीं हो पाने के कारण ग्रामीण ज्यादा दिनों तक इसका सुख नहीं उठा पाते। खासकर ज्यादातर ग्रामीण संपर्क पथों का अंततः यही हाल होता जा रहा है।

सारण जिला के अमनौर प्रखण्ड के धरहरा पंचायत के धरहरा खुर्द गांव में प्रधानमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना से सड़क बनाई गई थी। स्थानीय ग्रामीण खुश हुए लेकिन अब वही ग्रामीण टेंशन में हैं। एक स्थानीय ग्रामीण अशर्फी साह ने कहा, “वर्षा के पानी से हो रहे भूक्षरण के कारण सड़क पास से गुजर रही नदी में विलीन होती जा रही है।” बता दें कि यह सड़क धरहरा खुर्द से दलित बस्ती होते हुए शेखपुरा सड़क से जुड़ जाती है।

स्थानीय ग्रामीण मुन्ना मांझी कहते हैं, “पानी के कटाव से सड़क नदी में विलीन होती जा रही है, जिससे ग्रामीणों का गांव से आवागमन बाधित होता जा रहा है।”

सड़क के लगातार कटाव का शिकार होने से एक ओर जहां स्थानीय लोग चिंतित हैं, वहीं आवागमन बाधित होने से गुस्से में भी हैं। गुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार को प्रदर्शन भी किया था। इनमें जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के बिरुद्ध काफी नाराजगी है।

ग्रामीण रामशरण शर्मा ने कहा, काफी प्रयासों के बाद यह सड़क बनी थी लेकिन सड़क अब भूक्षरण का शिकार हो रही है। हमें चिंता है कि सड़क पूरी तौर पर टूट गई तो गांव के लोग कहीं कैसे आएंगे-जाएंगे। हमारी बात न तो जनप्रतिनिधि सुन रहे हैं न अधिकारी।”
हालांकि लगभग डेढ़ माह पूर्व ठीकेदार द्वारा सड़क की मरम्मती के नाम पर क्रैक सीलिंग और मिट्टी भराई की गई थी लेकिन नतीजा सिफर रहा और सड़क का कटाव बदस्तूर जारी है। ग्रामीण कामेश्वर उपाध्याय कहते हैं, “सड़क के नदी में समाने से हमलोगों का आवागमन बाधित हो गया है। इधर लगातार वर्षा होने से भूक्षरण बढ़ता जा रहा है।”

एक और ग्रामीण असमुल्लाह ने कहा, “अगर समय रहते अधिकारी इसका निराकरण नहीं करते हैं तो यह सड़क पूर्ण रूप से नदी में समाहित हो जाएगी। डेढ़ माह पूर्व संवेदक द्वारा सड़क की मरम्मती के नाम पर क्रैक सीलिंग कराई गई थी।इसके बावजूद वर्षा के पानी से भूक्षरण के कारण सड़क का नदी में विलय होते जा रहा है।”

स्थानीय पूर्व मुखिया अखिलेश प्रसाद यादव ने कहा, “अंचलाधिकारी से सड़क बचाव को लेकर मिट्टी व पत्थर भराई कार्य कराने की मांग किया है।कई जगह लिखा-पढ़ी की है, आवेदन- ज्ञापन दिया है लेकिन अबतक कोई खास काम नहीं हो सका है।”

ग्रामीण राम दयाल साह, दीनानाथ मांझी, टुन टुन साह, सुनील शर्मा, बिमल शर्मा, अजय मांझी, राम लड्डू शर्मा आदि ग्रामीणों ने भी प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से पहल की मांग की है।