पटना। एक ओर जहां प्रतिभाएं बिहार से पलायन कर दूसरे राज्यों और विदेशों में जा रहीं हैं, वहीं बिहार के सिवान जिले के राजपुर गाँव के रहने वाले अंशु दीक्षांत क़तर की लाखों की नौकरी छोड़कर बिहार की राजधानी पटना में अपने राज्य की प्रतिभाओं को डिजिटल मार्केटिंग का हुनर सिखा रहे हैं। अंशु का कहना है कि हम विदेशों से अनुभव लें, ज्ञान लें, वहां की तकनीक व व्यवस्था से सीखें और उसे अपने लोगों में बाँटे। तभी अपना गाँव, अपना राज्य और वृहत्तर अर्थ में अपना देश मजबूत होगा।
कोरोना काल में पूरी दुनिया हीं डिजिटल पर केन्द्रित हो गई है। जिन लोगों को डिजिटल का ज्ञान नहीं है, वह मुश्किल में पड़ गये हैं। अंशु चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोगों को डिजिटली साउंड बनायें ताकि उनका जीवन सरल-सहज बने।
इसके लिए वे अपने केंद्र “अचीवर्स आईटी सोल्यूशंस” द्वारा चैन टीचिंग की व्यवस्था कर रहे हैं। इसके तहत “मुझसे सीखिए और पांच लोगों को सिखाइए” का फार्मूला काम कर रहा है।
अंशु ने बताया कि इस रणनीति के तहत उन्होंने राज्य में अबतक 50 से अधिक युवाओं को ट्रेनिंग देकर रोजगार दिलाया है और उनके द्वारा इस मुहिम को आगे बढ़ाने की कोशिश जारी है।
अंशु ऑनलाइन ट्रेनिंग द्वारा सूदूर देहात के युवाओं को भी ट्रेनिंग दे रहे हैं ताकि घर बैठे डिजिटल मिडिया का उपयोग कर वह भी आत्म निर्भर बन सके। घर बैठकर वो लोग भी ऑनलाइन कमा सकें। वे कहते हैं, “कोरोना काल ने यह सिखा दिया है कि बहुत सारे क्षेत्रों में घर बैठकर भी नौकरी की जा सकती है लेकिन अपने विषय में एक्सपर्ट होने के बावजूद डिजिटली कमजोर होने की वजह से कई लोग यह लाभ नहीं ले पाते हैं।” अंशु का मानना है कि आत्म निर्भर होने के लिए डिजिटली फिट होना बहुत जरुरी है।
अंशु दीक्षांत देश-दुनिया के दिग्गजों की कहानी कहने वाले चैनल “अचीवर्स जंक्शन” के लोकप्रिय शो “करियर जंक्शन” के होस्ट भी हैं। इस शो के माध्यम से वह अलग-अलग क्षेत्रों के एक्सपर्ट से उस क्षेत्र की चुनौतियों और संभावनाओं पर बातचीत करते हैं, जिससे देश के लाखों युवा लाभान्वित होते हैं।
वैसे अंशु दीक्षांत ने अपने अबतक के जीवन में बहुत संघर्ष किया है। वे कहते हैं कि बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं। जरुरत है उन्हें करियर काउंसिलिंग की, सही दिशा दिखाने की व तराशने की। इसलिए वह लगातार इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। उनका सपना है की दिल्ली, पुणे, बैंगलोर, और हैदराबाद की तरह पटना भी आईटी का हब बने।
वो आगे कहते हैं कि हमारे बिहार के युवा दूसरे राज्यों में जाकर अच्छा कर रहे हैं तो क्यों नहीं उनके लिए यहीं पर वो सुविधा दी जाय कि यहीं आकर वो सेटल हो जाये। वैसे तो बिहार डिजिटल क्रांति से अछूता नहीं है, परंतु यहां स्टार्टअप इकोसिस्टम उस प्रकार से डेवलप नहीं हो सका है, जैसा कि दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद या पुणे में हुआ है। यहां के युवा रोजगार के लिए पहले से ही अन्य प्रदेशों में बड़ी संख्या में पलायन कर चुके हैं।
अंशु की प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के रेणुकूट और अपने गाँव राजपुर में हुई। इसलिए वह गाँव की मुश्किलों को जानते हैं। गाँव से निकलकर पटना, दिल्ली और विदेश के सफ़र में उन्हें बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन मुश्किलों से घबराए नहीं अंशु बल्कि उनसे सिखा और अब उस अनुभव से अपने राज्य के युवाओं के लिए करियर का एक रोड मैप तैयार कर लिया है, जिसे अपने डिजिटल मार्केटिंग के क्लास में बताते रहते हैं और अपने स्टूडेंट्स को कहते भी हैं कि अपने ज्ञान को बांटो। यह बांटने से बढ़ता हीं है।
6 साल इण्डिया में और लगभग 1.5 साल विदेशों में अनुभव हासिल करने के बाद अंशु को लगा कि अब कुछ अपना शुरू करने का वक्त आ गया है। तभी देश में डिजिटल इंडिया अभियान का आगाज हुआ था। इंटरनेट डाटा की खपत बहुत तेजी से बढ़ रही थी। लगभग हर हाथ में स्मार्टफोन पहुंच गया था। वह बताते हैं कि मुझे लगा कि इस डाटा का इस्तेमाल बिजनेस को ग्रो करने और कुछ सिखने में हो सकता है। बड़े शहरों में तो ऐसा हो रहा था, लेकिन छोटे शहरों में लोग ऐसा नहीं कर पा रहे थे। फिर मैंने विदेश की नौकरी छोड़ अपने गृह प्रदेश बिहार की राजधानी पटना में डिजिटल मार्केटिंग एवं आइटी कंपनी शुरू करने का फैसला लिया।
वह बताते हैं, शुरू में मेरे घरवाले बहुत डरे हुए थे कि विदेश की नौकरी छोड़कर पटना में बिजनेस करना कितना सही होगा। अंशु कहते हैं कि बिहार जैसे राज्य में आइटी संबंधी स्टार्टअप करना किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन मैंने इसे स्वीकार किया। लोगों को डिजिटल मार्केटिंग से अवगत कराना आसान नहीं था, क्योंकि वे वर्षों से पारंपरिक तरीके से बिजनेस करते आ रहे थे।
बता दें कि “अचीवर्स आईटी सोल्यूशंस” राज्य की अग्रणी डिजिटल मार्केटिंग कंपनी है, जो आइटी, पीआर, ब्रांडिंग और ट्रेनिंग जैसे क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रही है।