लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति इन दिनों काफी गरमाई हुई है, क्योंकि अगले कुछ महीने में प्रदेश में विधानसभा चुनाव है। राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारियों को धार देने का काम शुरु कर दिया है, ऐसे में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने रविवार को एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला। बसपा ने चुनावी सरगर्मी बढ़ाते हुए मिशन 2022 को लेकर ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए चुनावी तैयारी शुरू कर दी है।
बसपा ब्राह्मणों का मंडलीय सम्मेलन करने जा रही है। इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को सौंपी गई है। इसकी शुरुआत अयोध्या से 23 जुलाई से होगी। सतीश चंद्र मिश्रा अयोध्या में मंदिर दर्शन से ब्राह्मणों को साधने की कवायद शुरू करेंगे। पहले चरण में 23 जुलाई से 29 जुलाई तक लगातार छह जिलों में सम्मेलन किए जाएंगे।
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आपको बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती मिशन-2022 को लेकर इन दिनों संगठन को दुरुस्त करने में जुटी हुई हैं। बसपा सुप्रीमो ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए बूथ गठन के काम को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है। बूथ गठन की जिम्मेदारी पहले जिलाध्यक्ष देख रहे थे। मायावती ने अब मुख्य सेक्टर प्रभारियों को भी इसके काम में लगा दिया गया है। मुख्य सेक्टर प्रभारी स्वयं अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर अपनी देखरेख में बूथ गठन का काम पूरा कराएंगे।
वहीं, अगस्त तक हर हाल में बूथ गठन का काम पूरा कराने की जिम्मेदारी मुख्य सेक्टर प्रभारियों को सौंपी गई है। इसके साथ ही भाईचारा कमेटियों को एक बार फिर से सक्रिय करने का निर्देश दिया गया है। भाईचारा और ब्राह्मणों को पार्टी के साथ जोड़ने की जिम्मेदारी बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को दी गई है। भाईचारा कमेटियों के गठन का काम भी जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है।