75 सदस्यीय बिहार विधान परिषद में कल 20 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया और आज से ये सीटें रिक्त हो गई हैं। 4 सीटें पहले से रिक्त हैं। इन 24 रिक्त हुई सीटों में से ज्यादातर सीटें एनडीए यानि बीजेपी-जेडीयू की हैं।
पटना। बिहार के उच्च सदन यानि विधान परिषद में दलगत समीकरण भी बदल गए हैं या यूं कहें कि परिषद में एनडीए की ताकत आज से कम हो गई है। 75 सदस्यीय बिहार विधान परिषद में कल 20 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया और आज से ये सीटें रिक्त हो गई हैं। 4 सीटें पहले से रिक्त हैं। इन 24 रिक्त हुई सीटों में से ज्यादातर सीटें एनडीए यानि बीजेपी-जेडीयू की हैं। जाहिर है कि इन सीटों के रिक्त होने से उच्च सदन में सत्ताधारी खेमे की ताकत पर असर पड़ेगा। रिक्त हुई इन सीटों में से कई सीटें वैसी हैं, जिन सीटों पर विधान परिषद के लिए त्रिस्तरीय पंचायती राज के स्थानीय निकाय कोटे से सदस्य चुने जाते हैं।
राज्य में जिन 20 विधान पार्षदों का कार्यकाल 16 जुलाई, 2021 को खत्म हो गया, उनमें रजनीश कुमार, सच्चिदानंद राय, रीना यादव, राधाचरण साह, टुन्ना जी पांडेय, संतोष कुमार सिंह, मनोरमा देवी, राजन कुमार सिंह, बबलू गुप्ता, सलमान रागिब मुन्ना, सुबोध कुमार, दिनेश प्रसाद सिंह, हरिनारायण चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक अग्रवाल, संजय प्रसाद, नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडेय और राजेश राम शामिल हैं।
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कोरोना महामारी के कारण बिहार में समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण विधान परिषद की 20 सीटें आज यानि कि 17 जुलाई से खाली हो जाएंगी। इन सभी 20 विधान पार्षदों का कार्यकाल कल ही 16 जुलाई को पूर्ण हो गया है। जिन एमएलसी का सीट खाली हो रहा है, उस लिस्ट में सबसे ज्यादा एनडीए के नेता शामिल हैं। यानि सबसे ज्यादा बीजेपी और जेडीयू के विधान पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसके साथ ही बिहार में कल से विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 75 से घटकर 51 रह जाएगी।
बताया जा रहा है कि राज्य में जब तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न नहीं होता, तब तक ये सभी सीटें खाली रहेंगी। गौरतलब हो कि बिहार विधानसभा में पहले से ही 6 सीटें खाली हैं। लिहाजा सदन में कुल खाली सीटों की संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी।
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उधर जो चार विधान परिषद के पद पहले से खाली हैं, उनमें एक सीट सदस्य का निधन होने के कारण रिक्त हुआ है जबकि अन्य तीन विधान पार्षद अब विधायक बन चुके हैं। विधान परिषद के सदस्य रहे रीतलाल यादव राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर दानापुर से विधायक हो गए हैं तो सीतामढ़ी से आरजेडी के विधान पार्षद दिलीप राय जेडीयू के टिकट पर विधायक बन चुके हैं। वहीं जेडीयू के एमएलसी रहे मनोज यादव भी अब विधायक बन चुके हैं। उधर दरभंगा से बीजेपी के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह का निधन हो गया था।
स्थानीय प्राधिकार की चार सीटें पटना, भागलपुर-बांका, सीतामढ़ी-शिवहर तथा दरभंगा सीट खाली है। मालूम हो कि स्थानीय निकाय से चुनकर आने वाले 24 एमएलसी में जिला परिषद, पंचायत समिति, मुखिया तथा सदस्यों के अलावा नगर निगम, नगर परिषद और कंटोनमेंट बोर्ड के सदस्य भी वोटर होते हैं। पंचायत प्रतिनिधियों की संख्या सर्वाधिक 95 प्रतिशत है, ऐसे में बिना पंचायत प्रतिनिधियों के यह चुनाव हो ही नहीं सकता। जब तक पंचायत चुनाव नहीं हो जाता यह चुनाव संभव नहीं है।