मधुबनी। जिले के जयनगर अनुमंडल क्षेत्र एवं आस-पास के इलाके मे बीती रात लगभग 7 धंटे तक हुये मूसलाधार वर्षा से इलाके मे जलप्रलय जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। निचले इलाके में स्थित अधिकांश घरो मे पानी के प्रवेश कर जाने से स्थानीय बाशिंदे हकलान हैं तो दूसरी तरफ जयनगर स्थित रेलवे यार्ड में ट्रैक पर पानी आ जाने से सोमवार को जयनगर-दरभंगा रेलखण्ड पर ट्रेन परिचालन अस्त-व्यस्त हो गया है।
ज्ञातव्य हो कि इलाके मे बीते तीन-चार दिनो से भारी वर्षा होने से जलसंग्रह के तमाम स्त्रोत लबालब भरे हुये है।
इस बीच बीती रात जब करीब 7 घंटे तक लगातार भारी वर्षा हुई तो कई इलाके जलजमाव के चपेट मे आ गये। रेलवे यार्ड मे ट्रैक पर पानी चढ़ गया। नतीजा सोमवार को जयनगर से मनीहारी तक जानेवाली जानकी एक्सप्रेस, जयनगर से अमृतसर को जानेवाली शहीद एक्सप्रेस, जयनगर से पटना जानेवाली इंटरसीटी एक्सप्रेस निर्धारित समय से काफी बिलम्ब से गंतव्य के लिये प्रस्थान कर सकी।
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जयनगर आनेवाली ट्रेनो की हालत और खराब दिखी। सियालदह से चलकर सुबह के 8 बजे जयनगर पहुंचने वाली गंगासागर एक्सप्रेस कई घंटे बिलम्ब से करीब 3 बजे यहां पहुंची। अन्य ट्रेनो के परिचालन पर भी प्रतिकूल प्रभाव दिखा। भीषण जलजमाव से जयनगर-बासोपट्टी एन एच 104, जयनगर-खैरामाट लिंक सड़क, दुल्लीपट्टी-बासोपट्टी, दुल्लीपट्टी-खजौली समेत अन्य सड़को पर यातायात बुरी तरीके से प्रभावित हो गया है।
लोग आवासीय परिसर मे घुसे वर्षा के पानी को पम्प सेट से निकाल रहे हैं। नगर पंचायत क्षेत्र के आनन्दपूर, शिक्षक कालोनी, सुभाषचौक, विधानगर जैसे निचले इलाके मे स्थित आवासिय परिसरो समेत अन्य इलाको मे कम ऊंचाई वाले घरो मे 2 से 3 फीट तक पानी जमा होने से लोग नारकीय जीवन जीने को अभिशप्त है। ग्रामीण इलाको की स्थिति और दयनीय हो गया है। धमियांपट्टी, बैरा, कोरहिया, बरही, पड़वा, सेलरा, खैरामाट, छपकी आदि गांवो से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है।
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जलजमाव की समस्या ने इलाके मे जलनिकासी के पारम्परिक स्रोतों पर व्याप्त अतिक्रमण को बेपर्दा कर दिया है। स्थानीय लोगो का मानना है कि इलाके मे वर्षा की बढ़ती रफ्तार को देखते हुये मानसून पूर्व की तैयारी के तहत सभी ग्राम पंचायतो को जलनिकासी के पारम्परिक स्रोतों की साफ-सफाई कराना चाहिये। जिससे लोगो को समस्या से निजात मिल सके।
जयनगर की एसडीओ बेबी कुमारी ने बताया कि मानसून पूर्व तैयारी के तहत बाढ़ प्रभावित इलाको के स्थिति की समीक्षा व निगरानी किया जाता है। जलजमाव वाले इलाके के लिये ऐसी कोई समीक्षा नही होती है। जलनिकासी की व्यवस्था के रखरखाव के लिये नगर पंचायत व ग्राम पंचायत स्वतंत्र है।