रामविलास पासवान की जयंती पर चिराग और पारस गुट टटोलेंगे जनता की नब्ज तथा आंकेगे अपनी स्वीकार्यता!

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पटना। लोक जनशक्ति पार्टी के उत्तराधिकार को लेकर भतीजा चिराग पासवान और चाचा पशुपति कुमार पारस में चल रहे घमासान के बीच अब कल यानि 5 जुलाई की तारीख दोनों के लिए अहम हो गई है। 5 जुलाई को लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की जन्म जयंती है। इसे दोनों गुट अपने शक्ति प्रदर्शन और जनता में स्वीकार्यता का पैमाना नापने के मौके की तरह देख रहे हैं।

इस अवसर पर जहां चिराग पासवान का खेमा ‘आशीर्वाद यात्रा’ निकालकर जनता का नब्ज टटोलने और सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश में जुटा है, वहीं पारस गुट भी बड़ा कार्यक्रम करने की तैयारी में लगा है।

चिराग पासवान ने पहले ही घोषणा कर दी है कि 5 जुलाई को रामविलास पासवान की जन्म जयंती पर हाजीपुर से ‘आशीर्वाद यात्रा’ की शुरुआत होगी। लगभग दो माह तक चलने वाली यह आशीर्वाद यात्रा राज्य के विभिन्न जिलों में जाएगी।

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चिराग की यात्रा रामविलास पासवान की कर्मभूमि हाजीपुर से शुरू होगी। दूसरी तरफ पारस गुट भी 5 जुलाई को पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की जयंती पटना में मना रहा है। दोनों गुटों द्वारा राज्य में जगह-जगह अपने-अपने तरीके से पोस्टर बैनर लगाये गए हैं।

इससे पहले चिराग पासवान ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर स्वर्गीय रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग उठाई थी। इसके बाद चाचा पशुपति पारस भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार से यही मांग दुहरा दी।

उधर आज रविवार को पटना में लोजपा के चिराग गुट के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक राजू तिवारी ने कहा है कि आशीर्वाद यात्रा की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं तथा 5 जुलाई से हाजीपुर में कार्यक्रम के साथ इसकी शुरुआत हो जाएगी।

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बता दें कि स्व.रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने कुछ दिन पहले 4 अन्य सांसदों के साथ पार्टी में अपना अलग गुट बना लिया था। इसके बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से उन्हें लोजपा संसदीय दल का नेता घोषित करने की मांग की थी, जिसपर लोकसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें लोजपा संसदीय दल के नेता के रूप में मान्यता दे दी गई थी। हालांकि चिराग पासवान ने इसपर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए लोकसभा अध्यक्ष से पुनर्विचार करने की मांग की थी। हालांकि दोनों गुट खुद को ही लोजपा का दावेदार बता रहे हैं और दोनों के बीच का घमासान अभी भी जारी है।

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