मुजफ्फरपुर। बागमती नदी के जल स्तर में वृद्धि होती जा रही है। नदी में लगभग चार से पांच फीट की बढ़ोतरी हो गई है। नदी के दोनों तटबंध के बीच पानी भर गया है। इस कारण जिले के औराई और कटरा प्रखंड के दो दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। कटरा प्रखंड क्षेत्र के बसघट्टा, बर्री तेहवाड़ा, खंगुरा आदि पंचायत के लगभग एक दर्जन से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। विस्थापित परिवार ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
क्षेत्र के गगैया चौक स्थित यूनियन बैंक में तीन फीट पानी प्रवेश कर चुका है। पानी बढ़ने के कारण कटरा में बागमती का पीपा पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है। पुल पर आवागमन बंद हो चुका है।
बागमती के जल अधिग्रहण वाले क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण बागमती नदी के जल स्तर में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही थी। अचानक गुरुवार को चार बजे से पानी बढ़ने की गति तीव्र हो गई। बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ ही बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी बांध के बीच अवस्थित एक दर्जन गांव के लोगों के बीच फिर से दहशत का माहौल बन रहा है।
जल स्तर में वृद्धि होने के कारण मधुबन प्रताप, पटोरी टोला, बाडया बुजुर्ग, बारा खुर्द ,बभंगामा पश्चिमी, हरनी टोला, चहुंटा दक्षिणी टोला, चैनपुर ,राघोपुर, तरबन्ना,भरथुआ दक्षिण लोहार टोला समेत कई गांव के लोगों के बीच अनहोनी की आशंका उत्पन्न हो गई है।
जहां तक प्रशासनिक तैयारियों की बात है तो क्षेत्र के लोगों के अनुसार वे नगण्य हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने सब कुछ अपने बूते तैयारियां की है। ग्रामीणों की शिकायत है कि कहीं भी सरकारी नाव अब तक नहीं देखा गया है,जिससे वे उप धाराओं के उस पार लगभग एक दर्जन गांवों के बीच रहने वाले लोगों का सहारा बने। इस बीच गुरुवार की देर शाम तक बागमती जल प्रमंडल के अधिकारियों का तटबंध पर आना जाना लगा रहा।
हालांकि मुख्यधारा में अभी पानी का बहाव तेज नहीं होने के कारण अधिकतर पानी का दबाव दक्षिणि व उत्तरी उपधाराओं पर बना है। यही शुरू से चिंता का विषय बना हुआ है। कई जगह संभावित कटाव वाले स्थल पर रेत की बोरियां एवं बल्ली के सहारे कटाव रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
बागमती तटबंध उत्तरी व दक्षिणी पर जल संसाधन विभाग से लेकर प्रशासनिक गतिविधि तेज हो गई है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि यदि इसी गति से पानी बढता है तो तटबंधो के अंदर रह रहे हजारों की आवादी को बाहर निकालने के लिए कोई इंजनयुक्त मोटरबोट या बड़ा नाव उपलब्ध नहीं है। लोग निजी नाव के सहारे अपनी सुरक्षा कर रहे हैं।
उधर औराई सीओ ज्ञानानंद ने बताया कि औराई प्रखंड में 30 सरकारी नाव एवं 18 निजी नाव का परिचालन शुरू कर दिया गया है। बाढ़ का पानी बढ़ने के कारण अंचल के राजस्व कर्मचारी को अपने क्षेत्र में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।