सेंट्रल डेस्क। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 25 जून को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से एक विशेष रेलगाड़ी द्वारा कानपुर की ओर प्रस्थान किया। राष्ट्रपति उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में स्थित अपने जन्मस्थान परौंख का भी दौरा करेंगे। राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद श्री कोविंद का अपने गांव का यह पहला दौरा है।
आजादी के बाद से उपयोग में लाये जा रहे राष्ट्रपति सेलून की सेवाओं को राष्ट्रपति के निर्देश पर बंद कर दिया गया था। इससे सेलून के सालाना नवीनीकरण और रख-रखाव पर आने वाले करोड़ों रुपए के खर्च की बचत हुई।
रेलवे की ओर से कहा गया है कि कोविड महामारी के बाद जब देश में पुनरुत्थान और पुनर्निर्माण की शुरुआत हुई तो भारतीय रेलवे ने राष्ट्रपति से इस जन-परिवहन प्रणाली से यात्रा करने का अनुरोध किया था।
इसके लिए नई दिल्ली से राष्ट्रपति के पैतृक गांव के लिए एक विशेष रेलगाड़ी चलाई गई। रेलवे की ओर से कहा गया है कि इस कदम से उन रेलकर्मियों का मनोबल बढ़ेगा जिन्होंने महामारी के कठिन समय के दौरान लगन और मेहनत से अपनी सेवाएं दी हैं। इससे लोगों को व्यापार, पर्यटन और अन्य उद्देश्यों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में रेलगाड़ियों से यात्रा करने का प्रोत्साहन मिलेगा और साथ ही रेलयात्रा में उनका भरोसा भी बढ़ेगा।
राष्ट्रपति को ले जाने वाली यह विशेष रेलगाड़ी कानपुर देहात के झीझक व करा रेलवे स्टेशनों पर ठहरेगी, जहां राष्ट्रपति अपने परिचितों से मुलाकात करेंगे। 28 जून को राष्ट्रपति कानपुर रेलवे स्टेशन से उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ का दो दिवसीय दौरा करेंगे। 29 जून को वे दिल्ली वापिस लौटेंगे।
इस अवसर पर रेलमंत्री पीयूष गोयल, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं .सी.ई.ओ. सुनीत शर्मा, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, दिल्ली मंडल के मंडल रेल प्रबंधक एस. सी. जैन और रेलवे बोर्ड एवं उत्तर रेलवे के अनेक वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे।
क्या है खास प्रेसिडेंट स्पेशल ट्रेन में:
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