मधुबनी। जिले में कोरोना का संक्रमण प्रसार भले ही कम हो गया हो, लेकिन स्वास्थ्य समिति अभी भी संक्रमण के अंदेशे को नकार नहीं रही है। इसके लिए समय-समय पर जिले के विभिन्न इलाकों से सामुदायिक स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण दर जानने के लिए सीरो सर्वे किया जा रहा है।
जिले में सीरो सर्वे का चौथा चरण आज से होगा, जिसमें लगभग 500 लोगों में कोरोना संक्रमण की जांच की जाएगी। विभाग ने 10 गांवों का चयन किया है। जिसमें 40-40 लोगों का सैंपल लिया जाना है । वहीं, हर प्रखंड के 10-10 स्वास्थ्य कर्मियों की भी जांच की जानी है।
जिले के 10 प्रखंड के 10 ग्राम में लिया जाएगा ब्लड सैंपल:
आईसीएमआर के द्वारा राष्ट्रीय सीरो सर्वे फेज 4 के तहत जिले के घोघरडीहा प्रखंड के विशनपुर, जयनगर के शिलानाथ, दुल्लीपट्टी, खुटौना दुर्गीपट्टी, बाबूबरही के तिरहुता, बेनीपट्टी मनपौर, बिस्फी सिंघिया, रहिका के ताराचंदपुर, राजनगर के सिघियौन, घोघरडीहा के छजना, मधेपुर के प्रसाद में सीरो सर्वे के लिए ब्लड सैंपल लिया जाएगा।
समुदाय में कोविड-19 के प्रसार दर की मिलेगी जानकारी :
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया जिस व्यक्ति के अंदर कोई बीमारी हो जाती है, तो शरीर में उसके खिलाफ एंटीबॉडी बन जाती है। बहुत से लोगों में बीमारी के लक्षण नहीं दिखते हैं। एंडीबॉडी से समुदाय में इन बीमारियों की प्रसार दर के बारे में पता चल सकेगा। साथ ही, कोरोना वायरस के सामुदायिक संक्रमण की भी जानकारी हो सकेगी।
सर्वे से यह पता लगाया जाएगा कि कितनी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हुई है। कह सकते हैं कि कितने प्रतिशत लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (हर्ड इम्युनिटी) हुई है। सीरो सर्वे में किसी क्षेत्र में रहने वाले कई लोगों के खून के सीरम की जांच की जाती है। लोगों के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी की मौजूदगी के साथ ही यह पता चल जाता है कि कौन सा शख्स इस वायरस से संक्रमित था और फिलहाल ठीक हो चुका है।
सभी लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है भिन्न :
सिविल सर्जन ने बताया जिले में कोविड-19 के खिलाफ सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (हर्ड इम्युनिटी) अनेक सामाजिक-आर्थिक समूहों को देखते हुए कुछ इलाकों में ही विकसित हो सकती है। साथ ही, लंबे समय के बजाय कम समय तक रह सकती है। हर्ड इम्युनिटी तब विकसित होती है, जब किसी सामान्य तौर पर 70 से 90 फीसदी लोगों में किसी संक्रामक बीमारी से ग्रसित होने के बाद उसके प्रति रोग प्रतिरक्षा क्षमता विकसित हो जाती है। जिसे सिर्फ सीरो सर्वे के माध्यम से ही जाना जा सकता है।