कैसे पड़ी होलोकॉस्ट की नींव, हिटलर ने क्यों कराई 60 लाख यहूदियों की हत्या

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मध्य-पूर्व में यहूदी मुल्क इसराइल का गठन संयुक्त राष्ट्र के ज़रिए 1948 में किया गया. यानी भारत की आज़ादी के लगभग एक साल बाद. इसराइल बनने के पहले फ़लस्तीनी इलाक़े में यहूदी शरणार्थी के तौर पर रह रहे थे.

इसराइल के गठन में अमेरिका और ब्रिटेन की भी अहम भूमिका रही. यहूदी मूल रूप से फ़लस्तीनी इलाक़े के थे, लेकिन 71 ईस्वी में रोमन-यहूदी युद्ध में उन्हें बेदख़ल होना पड़ा था. पहले विश्व युद्ध के बाद फ़लस्तीन ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया. इसके बाद बड़ी संख्या में यहूदी वापस आने लगे जबकि यहाँ अरब के लोग रह रहे थे.

इस नए-नवेले देश पर बनने के बाद ही मिस्र, सीरिया, जॉर्डन, इराक़ और लेबनान ने हमला कर दिया. अपने गठन के बाद से इसराइल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अरब देशों से युद्ध में शामिल रहा. इसराइल बनने के बाद से मध्य-पूर्व इसराइल और अरब के देशों के बीच का जंग का मैदान बन गया.

इसका एक्सट्रीम दूसरे वर्ल्ड वॉर के समय दिखा

हिटलर खुद को सर्वश्रेष्ठ मानता. दूसरी तरफ तमाम हिंसा झेलने के बाद भी ज्यूइश खुद को कमतर नहीं मानते थे. वे लगातार खुद को साबित भी करते रहते थे. नाजी जर्मनी में हुई हत्याएं यही बात हिटलर को नागवार गुजरी. उसने यहूदियों के नरसंहार का आदेश दे दिया. साल 1939 से अगले 6 सालों के भीतर लगभग 60 लाख यहूदियों का होलोकास्ट हुआ. 

हिटलर ने 6 साल में कराई 60 लाख यहूदियों की हत्या

साल 1933 में हिटलर ने जर्मनी की सत्ता पर काबिज हुआ, जिसके बाद उसने जर्मनी में नस्लवादी साम्राज्य की स्थापना की थी. वह यहूदियों से सख्त नफरत करता था. यहूदियों के प्रति हिटलर की इस नफरत का नतीजा नरसंहार के रूप में सामने आया. होलोकास्ट इतिहास का वो नरसंहार था, जिसमें छह साल में तकरीबन 60 लाख यहूदियों की हत्या कर दी गई थी. इनमें 15 लाख तो सिर्फ बच्चे थे.

नाज़ियों ने यहूदियों पर जर्मनी की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधी समस्याएं पैदा करने का आरोप लगाया. विशेष रूप से, उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध (1914–1918) में जर्मनी की हार के लिए उन्हें दोषी ठहराया. कुछ जर्मन इन नाज़ी दावों के प्रति ग्रहणशील थे. युद्ध के नुकसान और उसके बाद के आर्थिक और राजनीतिक संकटों पर क्रोध ने जर्मन समाज में यहूदी-विरोध को बढ़ावा देने में योगदान दिया. वीमर गणराज्य (1918–1933) के तहत जर्मनी की अस्थिरता, साम्यवाद का डर और महामंदी के आर्थिक झटके ने भी कई जर्मनों को नाज़ी विचारों के प्रति खींचा, जिसमें यहूदी विरोधवाद भी शामिल था.

नाजियों से भी पहले का है यहूदियों का विरोध

हालाँकि, नाज़ियों ने यहूदी-विरोध शुरू नहीं किया था. यहूदी-विरोधवाद इससे भी पुराना है जिसने पूरे इतिहास में कई रूप धारण किए हैं. यूरोप में, यह प्राचीन काल से है. मध्य युग (500–1400) में, यहूदियों के खिलाफ पक्षपात मुख्य रूप से प्रारंभिक ईसाई विश्वास और विचार पर आधारित थे, विशेष रूप से यह मिथक कि यहूदी यीशु की मृत्यु के लिए जिम्मेदार थे. प्रारंभिक आधुनिक यूरोप (1400–1800) में धार्मिक पूर्वाग्रहों में निहित संदेह और भेदभाव जारी रहा. उस समय, ईसाई यूरोप के अधिकांश नेताओं ने यहूदियों को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन के अधिकांश पहलुओं से अलग कर दिया। इस बहिष्कार ने यहूदियों की रूढ़ियों में बाहरी लोगों के रूप में योगदान दिया.

इजरायल में इकट्ठा हो गए यहूदी

बचे हुए यहूदी एक जगह इकट्ठा होने लगे और इजरायल पहुंच गए. इस जगह को वे लोग अपना मूल स्थान मानते हैं. साल 1948 में मॉडर्न इजरायल बना, जो खुद को यहूदी राष्ट्र कहता है. आज इस देश को तकनीक और हथियारों के मामले में काफी ताकतवर माना जाता है. लेकिन ये ताकत एक बार फिर इजरायलियों यानी यहूदियों के लिए मुसीबत लेकर आने लगी.

ऐसे पड़ी होलोकॉस्ट की नींव

होलोकॉस्ट नाज़ी जर्मन शासन और उसके सहायक और सहयोगियों द्वारा साठ लाख यूरोपीय यहूदियों का व्यवस्थित, राज्य-प्रायोजित उत्पीड़न और हत्या थी. होलोकॉस्ट एक उभरती हुई प्रक्रिया थी जो 1933 और 1945 के बीच पूरे यूरोप में हुई. यहूदी-विरोधवाद  होलोकॉस्ट की नींव था. यहूदी-विरोधवाद , यहूदियों के प्रति घृणा या पूर्वाग्रह, नाज़ी विचारधारा का मूल सिद्धांत था. यह पूर्वाग्रह उस वक्त एक तरह से पूरे यूरोप में भी फैला हुआ था.

क्यों हुआ यहूदियों का यह नरसंहार

1933 और 1945 के बीच नाज़ी जर्मनी का यहूदियों पर अत्याचार हुआ और अधिक कट्टरपंथी होता गया. इस कट्टरता की परिणति में साठ लाख यहूदियों की सामूहिक हत्या हुई. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, नाज़ी जर्मनी और उसके सहायकों और सहयोगियों ने हर तीन यूरोपीय यहूदियों में से लगभग दो को घातक जीवित रहने की स्थिति, क्रूर दुर्व्यवहार, बड़े पैमाने पर गोलीबारी और गैसिंग्स और विशेष रूप से तैयार किए गए हत्या केंद्रों मे ले जाकर मार डाला.

होलोकॉस्ट क्या था? 

होलोकॉस्ट (1933–1945) नाज़ी जर्मन शासन और उसके सहायकों और सहयोगियों द्वारा साठ लाख यूरोपीय यहूदियों का व्यवस्थित, राज्य-प्रायोजित उत्पीड़न और हत्या थी।(1) यूनाइटेड स्टेट्स होलोकॉस्ट मेमोरियल म्‍यूज़ि‍यम यहूदियों का खात्मे के वर्षों को 1933–1945 के रूप में परिभाषित करता है. होलोकॉस्ट का युग जनवरी 1933 में शुरू हुआ जब एडॉल्फ हिटलर और नाज़ी पार्टी जर्मनी में सत्ता में आए. यह मई 1945 में समाप्त हुआ, जब मित्र राष्ट्रों ने द्वितीय विश्व युद्ध में नाज़ी जर्मनी को हराया. होलोकॉस्ट को कभी-कभी “शोह” के रूप में भी जाना जाता है, “आपदा” के लिए हिब्रू शब्द.

अमेरिका ने किया दोस्ती का वादा 

हुआ ऐसा कि दूसरे विश्व युद्ध के साथ रिश्तों के कई तानेबाने तैयार हुए. अमेरिका हिटलर से चिढ़ता, और हिटलर यहूदियों से. होलोकास्ट के बाद अमेरिका ने यहूदियों से दोस्ती का वादा किया. उसने वादा किया कि वो अलग देश बनाकर आराम से रहने में उसकी पूरी मदद करेगा. उसने काफी हद तक ऐसा किया भी. लेकिन ये तब तक ठीक था, जब तक वो कमजोर दोस्त की मदद कर रहा था.

डिस्क्लेमर : यह आलेख इंटरनेट पर मौजूद विकिपीडिया सहित अन्य विभिन्न स्रोतों और कुछ ऐतिहासिक पुस्तकों में लिखे लेखों पर आधारित है. इस आलेख में बिहारी खबर लाइव के विचार समाहित नहीं हैं लिहाजा, बिहारी खबर लाइव इन तथ्यों की जिम्मेदारी नहीं लेता.

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