गंडक और गंगा को जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना को बिहार कैबिनेट से मिली मंजूरी

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पटना/छपरा। गंडक और गंगा को जोड़ने की जल संसाधन विभाग की महत्वाकांक्षी योजना को बिहार की नीतीश कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इस योजना के तहत हीरापाकड़ (गोपालगंज) के पास गंडक नदी से शुरू कर हासिलपुर (सारण) के पास गंगा नदी तक कुल 170 किलोमीटर लंबे लिंक चैनल का निर्माण होगा।

69 करोड़ 89 लाख 79 हजार रुपये की योजना से गोपालगंज, सिवान और सारण जिले के बड़े इलाके में बाढ़ से राहत के साथ-साथ सिंचाई सुविधा मिलेगी।

170 किमी लंबे लिंक चैनल का होगा निर्माण

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को पटना में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गंडक-अकाली नाला (छाड़ी)- गंडकी-माही- गंगा नदी जोड़ योजना के कार्यान्वय की मंजूरी मिल गई है। इस योजना के तहत गंडक और गंगा नदी को जोड़ने के लिए हीरापाकड़ (गोपालगंज) के पास गंडक नदी से शुरू कर हासिलपुर (सारण) के पास गंगा नदी तक कुल 170 किलोमीटर लंबे लिंक चैनल का निर्माण किया जाना है। इसमें सेक्शनिंग और खुदाई शामिल है।

सारण तटबंध पर बनेगा एन्टीफ्लड स्लूईस

साथ ही सारण तटबंध के किलोमीटर 139.59 पर निर्धारित डिजाइन के अनुसार 04 (चार) भेन्ट वाले एक एन्टी फ्लड स्लूईस का निर्माण किया जाएगा। योजना की प्राक्कलित राशि 69 करोड़ 89 लाख 79 हजार रुपये है। योजना से गोपालगंज, सिवान और सारण जिले के बड़े इलाके में बाढ़ से राहत के साथ-साथ सिंचाई सुविधा मिलेगी।

छपरा, सीवान व गोपालगंज के लोगों को होगा लाभ

जल संसाधन विभाग की इस अतिमहत्वाकांक्षी योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर खुशी का इजहार करते हुए जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा ने कहा कि इससे गोपालगंज जिले के गोपालगंज, मांझा, बरौली; सिवान जिले के बड़हरिया, गोरियाकोठी, महराजगंज, दरौंदा और सारण जिले के दिघवारा, सोनपुर, खैरा, नगरा, बनियापुर, मढ़ौरा इत्यादि प्रखंडों के निवासी लाभान्वित होंगे।

छाड़ी नदी में होगा अविरल जलप्रवाह

योजना से छाड़ी नदी में अविरल जल प्रवाह होगा और क्षेत्र में बाढ़ के प्रभाव को अत्यंत कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही क्षेत्र के लोग लिंक चैनल के जल का उपयोग सिंचाई और पर्व-त्योहार के कार्यों में कर सकेंगे।

जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि योजना से क्षेत्र में पड़ने वाले शहरों से जल निकासी की व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। यह योजना क्षेत्र में भूजल स्तर में सुधार और पर्यावरण संतुलन के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण योजना साबित होगी।