बिहार कैबिनेट में मेयर -डिप्टी मेयर के चुनाव पर मुहर, 1302 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़कों को भी मंजूरी

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Bihar Cabinet Decisions : (पटना)। बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 21 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है। पारित हुए प्रस्तावों में नगर निगम में मेयर- डिप्टी मेयर के प्रत्यक्ष चुनाव सहित 1302 करोड़ की लागत से सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव शामिल हैं।

कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद अब बिहार के शहरी निकायों में इसी वर्ष होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर के साथ मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के चुनाव सीधे जनता के वोट से होंगे। प्रदेश सरकार ने बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में संशोधन के प्रारूप को मंजूरी दी दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रत्यक्ष चुनाव के विधेयक प्रारूप को मंजूरी दी गई है। दोनों सदनों में अब इस विधेयक को पेश किया जाएगा। सदन से पारित होने के बाद इसे नगरपालिका संशोधन विधेयक, 2022 कहा जाएगा।

बिहार नगरपालिका कानून में 15 वर्षों बाद संशोधन हुआ है। इस प्रभाव राज्य के 19 नगर निगमों के साथ 263 नगर निकायों पर पड़ेगा। इस साल अप्रैल-मई में शहरी निकायों में चुनाव संभावित हैं। अभी तक नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर, जबकि नगर परिषद और नगर पंचायतों में मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता था।

जनता के प्रत्यक्ष वोट से चुने जाने वाले मेयर-डिप्टी मेयर गोपनीयता की शपथ लेंगे और कार्यभार ग्रहण करेंगे। अगर किसी मेयर-डिप्टी मेयर या मुख्य पार्षद-उप मुख्य पार्षद की कार्य के दौरान मृत्यु होती है या वे इस्तीफा देते हैं या उन्हें बर्खास्त किए जाने से पद रिक्त होता है तो ऐसी स्थिति में फिर से चुनाव कराया जाएगा। इसके बाद निर्वाचित मेयर और डिप्टी मेयर बचे हुए कार्यकाल तक ही पद धारण करेंगे।

नए संशोधन के अनुसार मेयर और डिप्टी मेयर, राज्य सरकार को संबोधित करते हुए स्वलिखित आवेदन देकर त्यागपत्र दे सकते हैं। ऐसा त्यागपत्र वापस न लिए जाने पर सात दिनों के बाद प्रभावी हो जाएगा। संशोधित प्रारूप में व्यवस्था की गई है कि सरकार को धारा 44 के अधीन लोकप्रहरी की नियुक्ति करनी होगी। लोकप्रहरी की अनुशंसा के आधार पर ही सरकार मेयर-डिप्टी मेयर या मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद को हटा सकेगी।

वर्तमान में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड में भी मेयर-डिप्टी मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता है। दक्षिण भारत के भी कुछ राज्यों की जनता सीधे महापौर और उप महापौर चुनती है।

राज्य के 10 जिलों में नए पुल और 18 जिलों में नई सडक़ बनेगी। इस कार्य पर कुल 1302 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। खर्च होने वाली राशि के लिए नाबार्ड 653 करोड़ रुपये का ऋण सरकार को देगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 

बैठक में कुल 21 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। मंत्रिमंडल सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन 10 जिलों में पुल का निर्माण होना है वे हैं, सारण, गोपालगंज, भोजपुर, जहानाबाद, पटना, सिवान, दरभंगा, कटिहार, गया और मधुबनी। इन योजनाओं को पूरा करने में करीब 103.42 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जिसमें से 71.33 करोड़ रुपये का ऋण नाबार्ड देगा। शेष राशि राज्य सरकार खर्च करेगी।

मंत्रिमंडल ने बैठक  में जिन सडक़ों के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत किया है उनकी कुल लंबाई 259.43 किमी होगी और यह सडक़ें 18 जिलों में अवस्थित होगी। सूत्रों के अनुसार आरा, पटना, शेखपुरा, मधुबनी, झंझारपुर, बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा में हवाई अड्डा से बहेड़ी पथ तक सडक़ के साथ गोपालगंज, सीतामढ़ी, किशनगंज, कटिहार, बेतिया, मोतिहारी, सहरसा, खगडिय़ा, पूर्णिया, अररिया में सडक़ें बनेगी। जिन पर कुल 718.69 करोड़ की लागत आएगी और नाबार्ड इस कार्य के लिए 575.06 करोड़ का ऋण देगा।



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