UttarPradesh News : (लखनऊ)। अब एक तरह से यह तय हो गया है कि समाजवादी पार्टी की हार के बाद करहल से विधानसभा चुनाव जीते पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे। वे पहले से सांसद हैं और माना जा रहा है कि वे संसद सदस्य ही बने रहेंगे। हालांकि, इस बात की चर्चा तो पहले ही शुरू हो गई थी लेकिन उनके एक निर्णय से इस बात पर मुहर लगती दिख रही है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बाद सबसे बड़े दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा खेल खेला है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर इटावा के जसवंतनगर से विधायक निर्वाचित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नई परंपरा प्रारंभ कर दी है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी विधायक दल का नेता घोषित किया है। शिवपाल सिंह यादव विधानसभा में अब नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहेंगे।
बता दें कि पहले यह पद राम गोविंद चौधरी के पास था, लेकिन बलिया के बांसडीह से चुनाव हारने के बाद वह इस दौड़ से बाहर हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 21 मार्च को लखनऊ में पार्टी के सभी निर्वाचित विधायकों की बैठक भी बुलाई है। सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय में बुलाया गया है, जहां पर अखिलेश यादव सुबह 11 बजे से उनसे भेंट भी करेंगे।
अखिलेश यादव ने अपने इस कदम से यह संकेत भी दे दिया है कि वह मैनपुरी के करहल से चुनाव जीतने के बाद अब विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे देंगे। वह आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी से सांसद हैं। जहां से सपा को बड़ी सफलता मिली है। पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही अखिलेश यादव का फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी है। माना जा रहा है कि सीतापुर की जेल मे बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। आजम खां रामपुर से सांसद हैं।