छपरा: प्रशासन और सरकार ने नहीं सुनी गुहार तो ग्रामीणों ने खुद किया चचरी पुल का निर्माण

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Chapra News: प्रशासन और सरकार के उदासीन रवैये से थक-हार कर जिले के मशरक प्रखंड के चरिहारा बंगरा घाट पर ग्रामीणों ने खुद ही प्रयास कर आपसी सहयोग से चचरी पुल का निर्माण कर लिया है। प्रखंड मुख्यालय से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित बंगरा पंचायत के चरिहारा बंगाली घाट पर घोघाड़ी नदी के उपर ग्रामीणों ने यह चचरी पुल बनाया है।

प्रखंड मुख्यालय आने जाने की दिक्कतों को देख एकजुट होकर आपसी सहयोग से ग्रामीणों ने इस चचरी पुल का निर्माण किया है। पुल बन जाने से हजारों ग्रामीणों की आवागमन संबंधित परेशानी दूर हो गई है।

प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा थक चुके थे ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में चरिहारा होकर बांध सड़क और घोघाड़ी नदी पर पुल निर्माण के लिए उनलोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों से गुहार लगाई थी लेकिन उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया।

नाराज ग्रामीणों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि आगामी लोकसभा व विधानसभा के चुनाव में हम सभी इस मुद्दे पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का विरोध करेंगे।

1 किलोमीटर की जगह 8 किमी की दूरी करते थे तय

बता दें कि प्रखंड मुख्यालय से महज 1 किलोमीटर दूर हंसापीर गांव में जाने के लिए यह मार्ग सबसे सुगम और निकट है। इस मार्ग से पानापुर थाना क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के भी लोगों का आना जाना होता है।

वहीं यदि गांव होकर सड़क मार्ग से प्रखंड मुख्यालय, बाजार या रेलवे स्टेशन-बस स्टैंड पर जाना हो तो आठ किलोमीटर की दूरी तय कर जाना पड़ता है। जबकि घोघाड़ी नदी पर चचरी पुल बन जाने से यह दूरी महज एक किलोमीटर की हो जाती है।

जान जोखिम में डाल करते हैं यात्रा

ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के समय चचरी पुल के डूब जाने पर ग्रामीण रेलवे पुल पर जान जोखिम में डालकर आते जाते हैं जिसमें कई बार दुर्घटना हो चुकी है और जान-माल की भी क्षति हुई है।

ग्रामीण अशोक राय अजनबी ने बताया कि आने जाने में लंबी दूरी की समस्या को देखते हुए ग्रामीणों के सहयोग से बास की चचरी पुल का निर्माण कराया गया है। इस पुल के बन जाने से आने जाने वालों को समय की बचत तो होगी ही, साथ ही लंबी दूरी तय नही करनी पड़ेगी।