Uttarpradesh Election 2022 : उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का विधानसभा चुनाव लड़ना तय है। शुक्रवार, 5 नवंबर 2021 को उन्होंने इसके साफ संकेत दे दिए हैं। गोरखपुर में उन्होंने कहा- “मैं तो हमेशा चुनाव लड़ा हूं। इस बार भी पार्टी जहां से कहेगी, वहां से लड़ूंगा। मैं एक कार्यकर्ता हूं। कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, यह तय करने के लिए पार्टी का संसदीय बोर्ड है।”
शुक्रवार की रात गोरखनाथ मंदिर में मीडियाकर्मियों के साथ एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान उन्होंने यह बात कही। दरअसल, यूपी के सियासी गलियारों में पिछले कई महीनों से सीएम की सीट को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। कभी उनके गोरखपुर से चुनाव लड़ने की बात उठती तो कभी अयोध्या से।
शुक्रवार को उन्होंने पहली बार इस बारे में अपनी ओर से यह संकेत दिया कि वह चुनाव लड़ेंगे जरूर। कहां से लड़ेंगे इसका निर्णय पार्टी करेगी। साढ़े चार साल के अपने कार्यकाल में प्रदेश में आए सकारात्मक बदलावों का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जो कुछ कहा था, सरकार बनने के इन साढ़े चार सालों में हर क्षेत्र में उसे करके दिखा दिया है।
सीएम ने कहा कि 2017 में जब हम सरकार में आए तो सबसे बदतर स्थिति कानून व्यवस्था की थी लेकिन आज उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरे देश में नजीर है। साढ़े चार वर्षों में कोई दंगा नहीं हुआ। दीपावली समेत सभी पर्व शांतिपूर्वक संपन्न हुए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में दीपोत्सव का उत्तर प्रदेश का आयोजन वैश्विक मंच पर छा गया है। दिवाली तो हमारे आने के पहले से मनाई जाती रही है, प्रयागराज में कुंभ भी पहली बार नहीं हुआ था लेकिन तब यूपी के सामने पहचान का संकट था।
अयोध्या के दीपोत्सव, प्रयागराज के भव्य-दिव्य कुंभ जैसे आयोजनों, बेहतर कानून व्यवस्था, निवेश और रोजगार के भरपूर अवसरों तथा जनकल्याणकारी योजनाओं और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक उनके क्रियान्वयन से हमने उत्तर प्रदेश को पहचान के संकट से मुक्ति दिलाई है। आज उत्तर प्रदेश का व्यक्ति कहीं भी जाए उसे सम्मान की निगाह से देखा जाता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसी महीने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन होने जा रहा है। आज ही प्रधानमंत्री ने इसका प्रेजेंटेशन देखा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से 60 लाख लोगों को रोजगार जेनरेट हुआ है। रोजगार की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई और इतनी पारदर्शिता से दी गई कि कोई अंगुली नहीं उठा सकता।
सीएम ने मार्च 2017 से पहले खाद्यान्न वितरण में भ्रष्टाचार, कई जिलों में खाद्यान्न चोरी और राशन के अभाव में कुशीनगर में मुसहरों की भूख से मौत का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार बनाते ही हमने खाद्यान्न वितरण व्यवस्था की जांच का आदेश दिया। इसमें 40 लाख राशन कार्ड ऐसे ऐसे मिले जिन पर राशन तो निकल रहा था लेकिन जिसके नाम से कार्ड था उस व्यक्ति को पता ही नहीं था।
खाद्यान्न वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए राशन की 80 हजार दुकानों में ईपास मशीन की व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना की पहली लहर के बाद खाद्यान्न वितरण की जांच करने भारत सरकार की टीम आई थी। इसमें एक भी शिकायत नहीं मिली।
यूपी ऐसा अकेला राज्य है जहां राशन वितरण व्यवस्था को लेकर 97 प्रतिशत लोगों ने संतुष्टि जताई है। दूसरे स्थान पर जो राज्य है वहां यह आंकड़ा 54 फ़ीसदी पर ही है। ‘कॉमन मैन’ के जीवन में परिवर्तन कैसे लाया जा सकता है, उत्तर प्रदेश में इसे देखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता था कि जहां से अंधेरा शुरू होता है वह यूपी है लेकिन आज यह धारणा उलट गई है। पूरे उत्तर प्रदेश में बिना भेदभाव के पर्याप्त बिजली आपूर्ति हो रही है। उन्होंने बताया कि कोयला संकट के दौरान प्रदेश ने 22 रुपए प्रति यूनिट तक की दर से बिजली खरीदी गई लेकिन राज्य के लोगों को कोई परेशानी नहीं होने दी।