Uttrakhand rain: उत्तराखंड में भारी बारिश के दौरान हुए भूस्खलन (Landslide) की घटनाओं में 40 लोगों की मौत हो गई। नैनीताल जिले में ही 25 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में 14 उत्तर प्रदेश (UP) और बिहार (Bihar) के मजदूर शामिल हैं। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। जबकि, झुतिया गांव में ही एक मकान मलबे में दबने से दंपति की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा अभी लापता है। दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई।
वहीं बारिश की वजह से उपजे हालात से निपटने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिन भर मोर्चा संभाले रखा। सीएम ने आपदा की वजह से जान गंवाने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की। मंगलवार सुबह सचिवालय में आपदा कंट्रोल रूम का मुआयना कर आपदा की स्थिति की जानकारी ली।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से फोन पर राज्य में आपदा और राहत बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को हर संभव मदद का भरोसा दिया और केंद्रीय एजेंसियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि, सेना (Indian Army) के तीन हेलीकॉप्टर (Helicopter) को आपदा को लेकर संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है। सभी डीएम से बारिश की वजह से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है।
नैनीताल जिले में ही 25 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में 14 उत्तर प्रदेश (Uttarpradesh) और बिहार के मजदूर शामिल हैं। इतना ही नहीं, बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से नैनीताल (Nainital) के सभी रास्ते बंद हैं। राज्य में मात्र 24 घंटे में 200 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है। कई इलाकों में बारिश 400 मिली या उससे भी अधिक हुई है।
नैनीताल में मॉल रोड और नैनी झील (Naini Lake) के किनारे पर स्थित नैना देवी मंदिर में बाढ़ आ गयी है, जबकि भूस्खलनों के कारण एक हॉस्टल की इमारत को नुकसान पहुंचा है। नैनीताल जिला प्रशासन शहर में फंसे पर्यटकों की मदद के लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है। शहर में आने वाले और बाहर जाने वाले वाहनों में सवार यात्रियों को आगाह करने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है तथा यात्रियों से बारिश बंद होने तक ठहरने को कहा जा रहा है।
सोमवार – मंगलवार देर रात प्रदेश में आई आपदा के चलते एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें रातभर बचाव और राहत अभियान में जुटी रहीं। एसडीआरएफ ने इस दौरान छह सौ से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में कामयाबी हासिल की।
प्रदेश भर एसडीआरएफ की 29 स्थानों पर पोस्ट हैं। मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी के बाद, सभी टीमों को पहले ही हाई अलर्ट पर रखा गया था। इसी क्रम में एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर (Navneet Bhullar) कंट्रोल रूम में डटकर, रातभर राहत और बचाव अभियान की निगरानी करते रहे।
इस दौरान बारिश से हो रहे नुकसान, सड़क मार्ग पर फंसे वाहनों, पैदल मार्गों पर फंसे यात्रियों की जानकारी जुटाकर उन तक टीमें पहुंचाने का काम किया गया। बल की टीमों ने गौमुख ट्रैकिंग रूट, केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ ही जगह बाढ़ और मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम किया। मंगलवार दोपहर बाद तक बल की टीमों ने छह सौ लोगों को सुरक्षित निकालने में कामयाबी हासिल की।