Education News: (सिवान)। जिला के तरवारा स्थित मजहरुल हक डिग्री कॉलेज के सचिव केदार पाण्डेय (MLC Kedar Pandey) तो अध्यक्ष असद हसन को बनाया गया है। जयप्रकाश विश्वविद्यालय (Jaiprakash University) की इस संबद्ध इकाई में यूनिवर्सिटी ने नई तदर्थ समिति का गठन किया है।
बता दें कि मजहरुल हक डिग्री महाविद्यालय के शासी निकाय को भंग कर दिया गया है। जय प्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति (Vice Chancellor) प्रोफेसर (डॉ) फारूक अली ने शासी निकाय को भंग कर तदर्थ समिति का गठन कर दिया है। बुधवार को नए तदर्थ समिति की अधिसूचना विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर (डॉ) आर पी बबलू द्वारा निर्गत कर दी गई है।
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जारी अधिसूचना के मुताबिक, नई तदर्थ समिति (Ad-hoc Committee) में सात सदस्य हैं। जिसमें पदेन सदस्य प्राचार्य हैं, जबकि जन प्रतिनिधि कोटे से सदस्य व सचिव सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद केदार नाथ पाण्डेय को बनाया गया है।
वहीं, दानदाता (Donar) कोटे से सदस्य सचिदानंद सिंह, शिक्षाविद कोटे से सदस्य व अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) असद हसन, सेवानिवृत प्राचार्य जेड ए इस्लामिया कॉलेज, सिवान को बनाया गया है।
विश्वविद्यालय प्रतिनिधि (University representative) कोटे से प्रोफेसर (डॉ) यू एस पाण्डेय, प्राचार्य,राजा सिंह कॉलेज,सिवान तथा सरकारी प्रतिनिधि कोटे से सदर अनुमंडल पदाधिकारी, सिवान, को तदर्थ समिति में रखा गया है। जबकि, शिक्षक प्रतिनिधि कोटे से प्रोफेसर अवधेश शर्मा, भूगोल विभाग, मजहरुल डिग्री महाविद्यालय को सदस्य बनाया गया है।
उधर, नई तदर्थ कमिटी बनने की सूचना मिलते ही कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। सभी ने उमीद जताई है कि नई तदर्थ कमिटी के कार्यकाल में महाविद्यालय सुचारू रूप से चलेगा। साथ ही पठन पाठन का माहौल बनेगा।जो भी कार्य होंगे विधि और न्यायसंगत होंगे।
यह भी कयास लगाया जा रहा है कि नई तदर्थ कमिटी पहली बैठक (First meeting of Committee) में ही कुछ बड़े फैसले ले सकती है, जिसमें पूर्व प्राचार्य किशोर कुमार पांडेय को पुनः प्राचार्य का पद मिल सकता है।
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शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का नियमित वेतन भुगतान से संबंधित फैसला भी कमिटी ले सकती है। महाविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महाविद्यालय में शासी निकाय का कार्यकाल 4 साल पूर्व ही समाप्त हो चुका है। बताया जा रहा है कि उस कमिटी में सचिव के पद पर सचिदानंद सिंह थे, जबकि प्राचार्य के पद पर उनके पुत्र सुबोध कुमार हैं।
महाविद्यालय से जुड़े लोग वितीय अनियमितता और अराजकता की शिकायतें भी विश्वविद्यालय से लगातार कर रहे थे। जिसके कारण दो माह पूर्व ही विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालय प्रशासन के वित्तीय निर्णय लेने के अधिकार पर रोक लगा दी गई थी।
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बताया जा रहा है कि जिस संबद्ध महाविद्यालय में वित्तीय अनियमितता (Financial irregularities) और आपसी विवाद की शिकायतें लगातार मिलती हैं, वहां के शासी निकाय को भंग कर दिया जाता है।
महाविद्यालय को सुचारू ढंग से चलाने के लिए तदर्थ कमिटी बनाने का अधिकार विश्वविद्यालय के पास है। जिसके तहत नई कमिटी का गठन किया गया है। हालिया समय में जय प्रकाश विश्वविद्यालय का ये 5 वां महाविद्यालय है, जहां तदर्थ कमिटी का गठन किया गया है।