बिहार: 632 चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट निकले फर्जी, नौकरी तो नहीं ही मिलेगी होगी FIR भी

ताज़ा खबर बिहार
SHARE

पटनाबिहार (Bihar) में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी पाना और नौकरी करना कोई नई बात नहीं है। खासकर शिक्षक नियुक्ति (Teacher appointment) में ऐसे मामले थोक भाव में सामने आते हैं। शिक्षक नियुक्ति में फर्जी सर्टिफिकेट के कई मामले विजिलेंस जांच (Vigilance enquiry) के घेरे में भी हैं। अब राज्य में प्रारंभिक शिक्षकपद के लिए चयनित 632 अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट जांच में फर्जी पाये गये हैं। ऐसे सभी फर्जी सर्टिफिकेटधारी चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज होगी।

जांच में पकड़े गये 632 फर्जी सर्टिफिकेटधारी (Fake certificate) चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों में 268 पांच जिलों में पकड़े गये हैं। इन पांच जिलों में बक्सर, नालंदा, नवादा, बेगूसराय एवं सारण (Saran) हैं। इन पांच जिलों में सर्वाधिक 121 फर्जी सर्टिफिकेटधारी चयनित अभ्यर्थी बक्सर जिले में पकड़े गये हैं। दूसरा स्थान पर नालंदा है। नालंदा जिले में पकड़े गये फर्जी सर्टिफिकेटधारी चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की संख्या 63 है। इनमें 27 बिहारशरीफ में पकड़ाये हैं।

यह भी पढ़ें-बिहार : मुजफ्फरपुर में पैसे के लेनदेन के विवाद में जमकर गोलीबारी, 1 की मौत तो दो लड़ रहे जिंदगी की जंग

तीसरा स्थान पर नवादा (Nawada) है। नवादा जिले में पकड़े गये फर्जी सर्टिफिकेटधारी चयनित अभ्यर्थियों की संख्या 42 बतायी गयी है। चौथा स्थान सारण जिले का है। सारण जिले में 23 फर्जी सर्टिफिकेटधारी चयनित अभ्यर्थी पकड़े गये हैं। बच गया बेगूसराय, तो बेगूसराय (Begusarai) जिले में पकड़े गये फर्जी सर्टिफिकेटधारी चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की संख्या 19 बतायी गयी है।

जांच में जिन 632 चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट फर्जी पाये गये हैं, वे अब शिक्षक तो नहीं ही बन पायेंगे, उलटे प्राथमिकी (FIR) के साथ ही कानूनी काररवाई की जद में आ गये हैं। दरअसल, राज्य में तकरीबन 91 हजार प्रारंभिक शिक्षकों (Primary teachers) की नियुक्ति के लिए दो चरण में काउंसलिंग हुई है।

यह भी पढ़ें-भटक रहे मरीज, गंभीर मरीजों को पटना AIIMS नहीं उपलब्ध करा पा रहा ICU बेड, निदेशक ने खड़े किए हाथ

पहले चरण में उन प्रारंभिक शिक्षक नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग हुई, जहां छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन नहीं पड़े थे। ऐसे प्रारंभिक शिक्षक नियोजन इकाइयों के लिए गत पांच जुलाई से 12 जुलाई तक काउंसलिंग हुई। इससे इतर दूसरे चरण की काउंसलिंग (Councelling) उन प्रारंभिक शिक्षक नियोजन इकाइयों के लिए हुई, जहां छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन पड़े थे। ऐसे प्रारंभिक शिक्षक नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग दो अगस्त से 13 अगस्त तक हुई।

दोनों चरणों की काउंसलिंग में चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों से उनके सर्टिफिकेट लिये गये, जो जांच के लिए पोर्टल (Portal) पर अपलोड किये गये। जांच में जिन चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट वैध पाये जायेंगे, उन्हें नियुक्ति पत्र दिये जाने हैं। नियुक्ति के पहले ही सर्टिफिकेट की जांच की शिक्षा विभाग (Department of Education) की व्यवस्था फर्जी सर्टिफिकेटधारी अब शिक्षक नहीं बन पायेंगे।

यह भी पढ़ें –बिहार : सैकड़ों वर्ष पुराने मठ से करोड़ों की मूर्ति चोरी, मठिया के पास काफी जमीन इसे लेकर पहले से चल रहा विवाद

वैसे, आपको याद दिला दूं कि प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए दो चरणों (Phases) की हुई काउंसलिंग में 47,906 पद खाली रह गये हैं। इनमें में 36,428 पद 1ली से 5वीं कक्षा के हैं। इनमें सामान्य शिक्षकों के 23,528 पद, उर्दू शिक्षकों के 12,780 पद एवं बांग्ला शिक्षकों के 120 पद शामिल हैं।

इसी प्रकार 6ठी से 8वीं कक्षा के शिक्षकों के 11,478 पद खाली रह गये हैं। इनमें हिंदी शिक्षक के 2,714 पद, उर्दू शिक्षक के 1,530 पद, संस्कृत शिक्षक के 2,884 पद, अंग्रेजी के 1,487 पद एवं गणित के 2,452 पद शामिल हैं।