रहें एलर्ट- अमेरिका में एक हफ्ते में ढाई लाख बच्चे हुए कोरोना संक्रमित, यूपी-बिहार में भी मौसमी बुखार का कहर

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सेंट्रल डेस्क। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका लगातार जारी की जा रही है। इन सबके बीच अमेरिका में बड़ी संख्या में बच्चों के संक्रमित होने के बाद भारत में भी चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में तो बीते एक हफ्ते में ढाई लाख बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसलिए एलर्ट रहना और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना निहायत ही जरूरी है। खासकर बच्चों पर विशेष ध्यान देना भी आवश्यक है। बता दें कि भारत में भी उत्तरप्रदेश और बिहार में बड़ी संख्या में बच्चे वायरल बुखार से ग्रस्त हो रहे हैं और अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा रही है।

उत्तरप्रदेश और बिहार में फिलवक्त मौसमी वायरल फीवर से बड़ी संख्या में बच्चे ग्रस्त हैं। बिहार के लगभग सभी बड़े अस्पतालों में बच्चों के वार्ड और बेड फुल हैं। पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार में अमूमन घर घर में बच्चे बीमार हो रहे हैं। बिहार के पटना के पीएमसीएच, मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच सहित जिला अस्पतालों और निजी नर्सिंग होम व डॉक्टरों के यहां बड़ी संख्या में बीमार बच्चे पहुंच रहे हैं। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि यह हर साल होनेवाला मौसमी वायरल फीवर है लेकिन बच्चों का खास ध्यान रखना जरूरी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समय अमेरिका के अस्पतालों में कुल 2396 कोरोना संक्रमित बच्चे भर्ती हैं, जो अब तक का रिकॉर्ड है। यही नहीं, बीते एक सप्ताह के दौरान बच्चों में संक्रमण के 2.5 लाख से ज्यादा मामले सामने आए और ये भी अपने आप में रिकॉर्ड है। महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक एक हफ्ते में बच्चों के संक्रमित होने की यह सर्वाधिक संख्या है।

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बताया जा रहा है कि फिलहाल अमेरिका में मिल रहे नए कोरोना संक्रमितों में 26 फीसदी केवल बच्चे हैं। अमेरिकी अकादमी ऑफ पेडियाट्रिक्स के मुताबिक 5 अगस्त से 2 सितंबर के बीच यानी लगभग चार सप्ताह के भीतर बच्चों में संक्रमण के 7, 50, 000 नए मामले सामने आए। यह बेहद डराने वाला आंकड़ा है। गनीमत ये है कि बच्चों की मृत्यु दर काफी कम बनी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 520 बच्चों की कोविड से मौत हुई है।

वहीं, कोलंबिया यूनिवर्सिटी के इर्विंग मेडिकल सेंटर के प्रोफोसर डॉ. एडिथ ब्राचो-सांचेज ने हालात को चिंताजनक करार दिया है। उधर, सीडीसी ने भी कहा है कि स्कूलों को संचालन जारी रखने के लिए यह जरूरी है कि बच्चों को संक्रमण से बचाया जाए।

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हालांकि, अमेरिका में 12 साल या इससे अधिक उम्र के बच्चों को टीका लगाया जा रहा है। सीडीसी के मुताबिक 12 से 15 साल के 25 फीसदी अमेरिकी बच्चों को कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराक लगाई जा चुकी है। इस आयु वर्ग में 33 फीसदी बच्चों को टीके की एक खुराक दी गई है। 16 से 17 साल के बच्चों में 37 फीसदी को दोनों खुराक दी जा चुकी है, जबकि 45 फीसदी को एक खुराक दी गई है।

अगस्त, 2020 से अब तक अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या 55 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक 6 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में प्रतिदिन 369 से अधिक संक्रमित बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

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हालांकि विशेषज्ञ बच्चों के संक्रमित होने का एक मात्र कारण स्कूल खुलने को नहीं मान रहे हैं। इसलिए देशभर में डेल्टा वेरिएंट के कहर को देखते हुए संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या में और बढ़ोतरी की आशंका जताई गई है।

सीडीसी के मुताबिक अस्पताल में भर्ती अमेरिकी बच्चों में से करीब 46.4 फीसदी को कोई पूर्व बीमारी नहीं थी। इससे यह भ्रम टूट जाता है कि स्वस्थ बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा किसी पूर्व बीमारी से जूझ रहे बच्चों की अपेक्षा कम रहता है।