मायावती का ब्राह्मण कार्ड, मंत्रों और जय श्रीराम के नारे के साथ किया चुनावी शंखनाद

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आज मंगलवार को जय श्रीराम-जय परशुराम व हर हर महादेव के जयकारों के बीच BSP के प्रबुद्ध सम्मेलन का समापन हुआ। समापन कार्यक्रम में BSP प्रमुख मायावती ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कई वादे किए, जिसमें सरकार बनने पर ब्राह्मणों को संपूर्ण सुरक्षा व सहभागिता, नई मूर्तियां- प्रतिमाएं ना लगाना, नए कृषि कानूनों को लागू ना होने देने आदि के वादे किए। मायावती ने दावा किया कि प्रबुद्ध वर्ग की मदद से पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। मायावती ने कहा कि सरकार बनने पर 2007 की तरह ही ब्राह्मण समाज की सुरक्षा, सम्मान और तरक्की का ध्यान रखा जाएगा।

प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के पहले चरण के समापन में मायावती के संबोधन से पहले जय श्री राम और जय परशुराम के नारे लगाए गए। इसके साथ-साथ पार्टी का पुराना नारा, ‘हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा, विष्णु,महेश है’, का नारा भी लगाया गया। मायावती ने कहा, ‘बीएसपी ने ब्राह्मण समाज का हमेशा कल्याण किया है। उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध किसी के बहकावे में न आए।’
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी ने बिगुल फूंक दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को साफ कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राज में ब्राह्मणों पर अत्याचार बढ़ा है। सम्मेलन में मायावती ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कहा कि बीजेपी की सरकार के दौरान ब्राह्मणों पर जो एक्शन हुआ, उसकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा जो अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनपर एक्शन लिया जाएगा। मायावती ने कहा कि ब्राह्मणों के मान सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

मायावती ने मंत्र दिया कि हर विधानसभा क्षेत्र में 1000 ब्राह्मण कार्यकर्ताओं को तैयार करना है और सभी को एकजुट करके चलना है।मायावती ने कहा कि इस बार
हमारी सरकार आई तो सरकार में एक बार फिर ब्राह्मणों को सही प्रतिनिधित्व दिया जाएगा और सभी का सम्मान किया जाएगा।

मायावती ने कहा कि 2012 में सपा ने सत्ता में आकर यूपी का माहौल बिगाड़ा, उसके बाद 2017 में लोग बीजेपी के वादों मे आ गए। बीजेपी की सरकार अभी तक अपने वादों को पूरा नहीं कर पाई है और ब्राह्मण समाज के लोग बीजेपी से मुक्ति चाहते हैं।

प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन समापन समारोह में मायावती ने ब्राह्मण समाज को साधने की हर मुमकिन कोशिश की। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज भी किसी के बहकावे में ना आए, हम उनको निराश नहीं होने देंगे, पूरी सुरक्षा देंगे।
मायावती बोलीं कि बीएसपी ये वादा करती है की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज का पूरा ख्याल रखा जाएगा उन्हें उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा और जो भी गलत कार्रवाई की गई है इनके खिलाफ उसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।

प्रबुद्ध सम्मेलन में बाकी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी, BJP की सोच पूंजीवादी है। वहीं BSP की कथनी और करनी में अंतर नहीं होता। वह बोलीं कि BSP किसी धर्म-जाति विशेष की पार्टी नहीं है। सबकी पार्टी है। मायावती ने कहा कि इसबार बीएसपी 2007 वाली जीत दोहराएगी। मायावती बोलीं, ‘बीजेपी भी BSP की नकल में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर रही है। BSP की तर्ज पर भाजपा भी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन और महिला सम्मेलन आयोजित करने में जुट गई है।’
मायावती बोलीं कि BSP सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय की सोच वाली पार्टी है। हमारी पार्टी ने दूसरी पार्टियों की तरह कभी भी हवा हवाई बातें नहीं की है। मेरे शासन में खास करके खाली पड़े सभी पदों को भरा गया था। बीएसपी की सरकार में किसी भी जाति धर्म के साथ भेदभाव नहीं किया गया, खासकर के अपर कास्ट के लोगों के साथ।

संबोधन के दौरान मायावती ने 2007 के दलित-ब्राह्मण सोशल इंजीनियरिंग का भी बार-बार जिक्र किया। मायावती ने कहा, “हमने अपने पार्टी संगठन, चुनाव में टिकट देने पर और सरकार बनने पर मंत्री वगैरह बनाने के मामले में ब्राह्मण वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व दिया है। इन सब बातों का अहसास कराने और इन्हें फिर से पार्टी से जोड़ने के लिए मेरे निर्देश पर 23 जुलाई से प्रबुद्ध वर्गों की विचार संगोष्ठी का अयोध्या में आयोजन शुरू हुआ था। पहला चरण काफी सफल रहा है जिसका मेरे द्वारा आज समापन भी किया जा रहा है।”

दलितों की चर्चा करते हुए मायावती ने कहा, “दलित वर्ग के लोगों पर शुरू से ही गर्व रहा है। बिना गुमराह हुए और बहकावे में आकर कठिन से कठिन दौर में भी उन्होंने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा है। मैं उम्मीद करती हूं बीएसपी से जुड़े अन्य वर्गों के लोग भी इनकी तरह गुमराह नहीं होंगे। पिछले कुछ वर्षों में जहां यहां सपा की सरकार रही हो या वर्तमान में बीजेपी की सरकार चल रही हो लेकिन इन सभी सरकारों की जातिगत की संकीर्ण और पूंजीवादी सोच होने के कारण मजदूरों, किसानों, व्यापारियों व दलित-अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ ब्राह्मण समाज का भी शोषण हुआ है।”